आज हम शहर का जीवन जी रहे हैं। जैसे-जैसे शहर बढ़ते हैं, वैसे-वैसे खेत भी बढ़ते हैं। इसके अलावा, हमारे दुनिया छोटी हो जा रही है जैसे की भविष्य में रहने की जगह शौचालय, स्नानघर और बिस्तरों तक सीमित हो जाएगी। नैनो फ्लैट बनकर तैयार हैं। क्योंकि बाहर खाने-पीने के लिए होटल होंगे, घूमने के लिए बाग बगीचे होंगे, मनोरंजन की तमाम सुविधाएं होंगी।

हालांकि ऐसा होने की उम्मीद नही बल्की हो रहा है। सारे सर्व्हिसेस हमे बाहर मिल रहे है। घर तो नाम का हो गया है। इस सारे दौर में हमारा जरूरत एैसा अच्छा, पौष्टिक, निश्चित, गैर-विषाक्त भोजन दुर्लभ होने जा रहा है। भले ही महानगर विकास की हमारी यात्रा निकट आ रही हो, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप स्वस्थ खाने के विकल्प विकसित करें। और इसे स्वयं करना बहुत महत्वपूर्ण होगा।

घर की सब्जीयां...


पुणे, मुंबई और नासिक के सुर्वणाकिंत ट्राएंगल शहरों में अब हमें छोटी गैलरी, किचन की खिड़कियों, खिड़की की ग्रिल में सब्जियां उगाने की जरूरत है। छत पर बागवानी जमीन पर या छत पर एरोब्रिक्स द्वारा की जाती है। लेकिन सवाल यह है कि छोटी सी जगह में कैसे उगाया जाए।

इसके समाधान के लिए टेरेस गार्डन से अन्नपूर्णा बैग उपलब्ध हैं। ये बैग कम दामों में उपलब्ध हैं। लेकिन अगर वे हमारे रास्ते में भरे हुए हैं, तो वे सात या आठ साल तक रहेंगे। इन बैगों को सब्जी के बगीचे को उगाने के लिए खिड़की की ग्रिल, बालकनी पर रखा जा सकता है।

इसके समाधान के लिए टेरेस गार्डन से अन्नपूर्णा बैग उपलब्ध हैं। ये बैग कम दामों में उपलब्ध हैं। लेकिन अगर वे हमारे तरीकों में भरे हुए हैं, तो वे सात या आठ साल तक रहेंगे। इन बैगों को सब्जी के बगीचे को उगाने के लिए खिड़की की ग्रिल, बालकनी पर रखा जा सकता है।

इन थैलियों में कंद (अदरक, हल्दी, मूली, गाजर, शकरकंद) के साथ-साथ सभी प्रकार की पत्तेदार सब्जियां पैदा की जा सकती हैं और कुछ फल और सब्जियां भी उगाई जा सकती हैं। उदाहरण के लिए, बैंगन, टमाटर, मिर्च, भिंडी, फूलगोभी, पत्ता गोभी को अच्छी तरह उगाया जा सकता है।
इन बैगों को डाक से भेजने की व्यवस्था है।