गेला उन्हाळा बरा होता” एैसे एक मराठी में कहावत है. और वह सही भी है. जैसे जैसे प्रदूर्षण की मात्रा बढती जा रही है वैसे वैसे तापमान में बढोतरी हो रही है.

अधिक तापमान से सारे बेहाल हो जाते है. वैसेही हमने जो रहने के लिए मकान बनाएं है वो भी पूरी वैज्ञानिक तरिका नही है. सारे घर चौकोनी याने के Squer आकार में है.. बहती गरम हवा रूक जाती है और वो दिवारों को तपाती है. उसीमें सिमेंट की दिवारे,छत धिरे धिरे गरम होते है और धिरे धिरे थंडे होते हो.

उसीसे गरमी ज्यादा होती है. लेकीन मिट्टी के घर पर्यावरण पुरक और अनुकूल होते है वो धिरे धिरे गरम होते है और जल्दी थंडे हो जाते है. लेकीन शहर में मिट्टी लाएं कहांसे..

सो, जो भी है वो ठिक है.. उसके सिवाय और कुछ विकल्प हमारे पास नही है.. जो है उसीमें अच्छा क्या कर सकते है इसके बारे में सोचना और वैसा कुछ करना हमारे हात में है. तो आएं घर का तापमान कैसे कम कर सकते है..

१) घर के छत के उपर चुना लगा दो..

घर के छत पर हर साल चूने का घोल लगाने से सुर्य की किरणे परावर्तित हो जाते है और उससे छत ज्यादा गरम होता नही है.. उससे आपके रूम का निवास की खोली का तापमान 10 % कम हो जाता है. लेकीन ये हर साल की खर्चिक चिजं है..

२) व्हाईट सिमेंट पेंट लगाएं.

घर के छत पर ३-४ साल में एक बार व्हाईट सिमेंट का पेंट आता है वो लगाने से सुर्य की किरने परावर्तीत होती है. उससे छत के निचे रूम का तापमान २० से ३० % कम हो जाता है. लेकीन ये तरिका बहोतही खर्चिक है. लेकीन इससे राहत भी उतनी मिलती है. और तिन चार साल तो चल जाता है. खर्चा वसूल हो जाता है उसीके साथ छत टपकने की आशंका दूर हो जाती है. इसकी साथ छत को जो भी छोटी छोटी क्रॅक आते है वो भी बंद हो जाते है.

३) छत पर बागवानी कर दो..

छत पर बागवानी करने से छत की सुरक्षा तो हो जाती है लेकीन उसीके साथ छत के निचे के रूम का तापमान 40 % तक निचे आ जाता है. जैसी छत के उपर का तापमान 50-55 डिग्री सेल्सीयस है तो निचे का तापमान ३५ डिग्री सेल्सीयस तक होता है.  छत पर बागवानी करने का खर्चा भी तो कम है. आप शुन्य लागत मे बागवानी की शुरूवात कर सकते है. हां लेकीन इसमे आपको प्रयास, कष्ट लेने पडते है. रोज सुबह श्याम पानी देना. लेकीन इन कष्टो के आगे मिलने वाले फायदे को अगर ध्यान दे तो हमारे कष्ट सफल होने का समाधान मिलता है.

इस तरह से करो छत पर बागवनी : छत पर बागवानी करने अनेक पर्याय है लेकीन आपने छत पर एरिओ ब्रिक्स बेड का तरिका इस्तेमाल किया तो वो तापमान को कमी करने में कारगर विकल्प साबित होता है. ( जाने एरिओ ब्रिक्स के बेड के बारे में)

छत पर बागवानी करने के बहोत सारे फायदे है जैसे की…..

अ) घर की तापमान में गिरावट

आ) प्रकृती के साथ जुडने का समाधान

इ) घर की केमिकल फ्री सब्जीयां

ई) छत की देखभाल ( छत पर बागवानी होने के कारण छत को आनेवाली क्रॅक में गिरावट आती है क्यो की ज्यादा तापमान से क्रॅक की संख्या बढती है)

अं) तंदुरूस्ती और हद्य का स्वास्थ: गार्डेन में काम करने से अधिकाधिक शरीर की हलचल होती है. उससे शरीर में लचीलापन महसूस करते है.

आँ) स्वच्छ प्राणवायू की निर्मिती

क) पंच्छियो और किटको के लिए दानापानी.

इन उपायों से भी घर का तापमान कम कर सकते है.

१) विंडो ग्रील गार्डेनिंग: अगर आपके पास छत नही है. लेकीन घर को खिडकीयां ( विंडो) उपलब्ध है तो वहां भी आप गार्डेनिंग कर सकते है. भले ही वहांपर छोटे घमलो या ग्रो बॅग्जस में बागवानी कर लेते है तो बहने वाली गरम हवा को हम रोक सकते है. और इससे भी रूम का तापमान में गिरावट आती है.

२) बाल्कनी गार्डेनिंग: बाल्कनी, खिडकी से बढी होती है. वैसे भी शहर के बढी बढी इमारतों मे इसे काच के दरवाजो बनाएं जाते है. उससे सुर्य की किरणे अंदर आते है और वो काच की होने के कारण ज्यादा मात्रा में तापमान में बढोतरी करते है.

तो इसमें भी आप हॅंगीग गार्डेन, घमलें और ग्रो बॅग गार्डेन करते है तो तापमान में गिरावट आती है. और घरमेंसे बाहर देखेंगे तो उसका नजारा और कुछ ही दिखता है. आनंद देता है.

तो आईएं घर पर बागवानी तयार करे. छोटे से शुरूवात करे. अच्छे मार्गदर्शक की सलाह ले. शुरूवात में किसीकी मदत लेके बागवानी तयार करें और जिवन का प्रकृती के साथ आनंद ले.

संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग, (अर्बन फार्मिंग कन्स्लटंट एवंम कोच)

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