लॉकडाऊन में घर पे सब्जीया कैसे उगाएं

Lockdown में अगर घर बैठे कुछ करने का सोच रहे है तो बागवानी के ये नुक्से अपनाऐ… नही तो ईस ज्ञान से मुकर जाओगो…


लॉकडाऊन में घर पर कैसे उगांए ताजी सब्जियां…

उमर साठ साल, नाशिक के एक नगर में रहने वाला बुर्जुग दामंत्प, उन्होंने लॉकडाऊन के सोलावे दिन की सुबह सुबह मोबाईल पर संपर्क कर के कहा… की हम आपके बहोत शुक्रगुजार है की आपने घर पर सब्जीया उंगाने का जो सेटअप लगाकर गये. उनसे हमें हर रोज ताजी सब्जियां मिल रही है। भले वो हमारे लिए एकाद सब्जी हप्ते में दुबारा मिलती है। लेकीन हम खुश है। बाहर मिलने वाली संसर्गजन्य भी हो सकती है।

ये सुनकर बहोत अच्छा लगा.. वैसे मेरे घर पर भी गर परही उगायी सब्जीया बनाई जा रही है। बाहर के पूर्तता पर निर्भय नही है।

वैसे तो लॉकडाऊन कितने दिन रहेगा, कहां कहां रहेगा इसका कुछ अंदाज नही है। शायद ये कालावधी बढ भी सकता है। उसका अनुशासन करना भी जरूरी है।  हात न धोने की गैर जिम्मेदारी से जान से हात धोना पडता है। असल में लॉकडाऊन का मतसलब है की बाहर कोई चिज से संपर्क में नही आना. लेकीन हम सब्जीया लेके समझकर भी अजांन बन लेते है। (आगे पढे) 

तो ऐसे कठीण समय पर घर पर सब्जीया उगा सकते है। उसके बारे में बताने वालाही हूं लेकीन उसी के साथ दिए हुऐ www.gacchivarchibaug.in  www.organic-vegetable-terrace-garden.com संकेतस्थल पर जाकर जादा जानकारी ले सकते है।

हम तो पहेलेसे ही रसायनमुक्त सब्जीयो का पक्ष लेके चल रहे है। लेकीन समय इतना कठीण है की रासायनिक खाद, औषधियों से भरी सब्जी चल जाएगी.. लेगी कोरोना से संसंर्गमुक्त हो सकती है क्या… तो ईसका जबाब नही है। कुछ कह नही सकते. अगर ऐसा है तो हमे बेझिझक घर पर सब्जीयां उगानीही चाहिए. लेकीन करे कैसे ये बडा सवाल उत्पन्न हो गया है।

ईसकेलिए मिट्टी चाहिए, खाद चाहिए, घमले, ग्रो बॅग चाहिए, और तो और बिज तो चाहिए. बाप रे बाप… लिस्ट तो बढती जा रही है। इस कठीण समय पर हम बाहर निकल नही सकते. सारासर हे मुमकीन नही है ये भावना आ सकती है. लेकीन ईस निराशा को निकाल दिजिए.

आप के पास दूध की २५० एम. एल. की बॅग से लेकर लेडीज पर्स को लेकर जो भी उसका घमला  या ग्रो बॅग के रूप में ईस्तेमाल कर सकते है. ध्यान रहे चिंज कौनसी भी हो उसे निचे छेद होना जरूरी है। ईससे जादा दिया हुआ पानी निकलने में मद्दत होगी. (आगे पढे) 

इसी साधनों में मंदीर में फोडे जाने वाले नारियल के क्यायर डाले. ये नही मिले तो एक एम.एम. की चौडाई वाले सुकी हुई डालियां डाले उसके उपर सुके पत्ते, या सुका हुआ किचन वेस्ट डाले. हात या पांव से दबांए और सबसे उपर दो ईंच मिट्टी डाले. अगर मिट्टी नही है तो आपके पुराने घमलोंमेंसे थोडी थोडी निकाल सकते है। इस तरह अगर घमला भरा जाएंगा तो आपके पास जिस आकार का घमला है। उसी मिट्टी में हम लगबग ४-५ घमले भर जाएगें.

घर मेंही कंपोस्ट बनाने की कौशीस करे.

महिने भर तय्यार होने वाली सब्जीयां

  • मेथी, धनियां, मोहरी
  • गेहुं को सुबह बिगाएं, श्याम को जमीन में बो दे और सात दिन के बात उसका ज्यूस बनाएं. सेहत के लिए अच्छा है. ऐसा रोज करे.
  • चना बो दे . चन आने का मोसम तो नही है लेकीन उसकी पत्तो की सब्जी बना सकते है।
  • प्याज, लहसून और बटाटे को बो दे … आपको प्याज से पत्ती की हर महिने सब्जी बना सकते है. वो तीन महिने चलेंगी.
  • पोथी या आरवी के पत्ते की आप स्वादिष्ट सब्जी बना सकते है।
  • और भी सब्जीयां मिट्टीसे पनप जाती है। उसकी जानकारी ले. वो शायद जंगल में उगने वाली लेकीन खाने जैसी सब्जीयां हो सकती हे।
  • अगर आपके बागवानी में सब्जीयां ज्यादा हो रही हो या आपके पास ईस कठीन समय में घर पर आने वाली मुक्त सब्जीया काटकर धुप में सुका ले तो उसे निर्जलीकरण Drying (dehydrating) कर ले. ताकी वो बारिश में काम आएगी.
  • पालक, गाजर, मुली, बिट का जड लगाकर उसके पत्ते के पराठे बना सकते है।
  • बाजार में मिलनेवाले पके, गले हुए बैंगन, टमाटर, मिरची जैसी जो बी सब्जीयां है उसका बिज निकाल के छांव में सुका ले..उसके महिनेभर में पौधे बना ले…

आपका लॉकडाऊन में खाने की समस्या को कुछ सिमा तक आसान कर सकते है।

सज्जा पर सब्जी हिंदी यू ट्यूब चॅनेल 

कुछ सवाल हो तो जरूर पुछे.

संदीप चव्हाण, सज्जा पर सब्जी. नाशिक.

9850569644

Organic Terrace farminG | गच्चीवरची बाग की शुरुआत कैसे हुई!


terrace gardening | hanging garden | Terrace farming गच्चीवरची बाग अब हिंदी में।


How to Eat lady finger

भेंडी की सब्जी हप्ते में एक दिन खाने के बजाय उसे रोज एक एक खाये उसके अच्छे परिणाम आप महसूस करेंगे।


Patil Baug, Nashik
Patil Family Vegetable Garden

 भेंडी को कैसे खाएं…

 भेंडी हे फल सब्जी सबकी पंसददीदा सब्जी है।  हप्ते में भेंडी की सब्जी होनी तो चाहिए ही। भेंडी ये जैसे खाने में सब्जी के रूप में ईस्तेमाल करते है  वैसे ही उसको सलाड के रूप में कच्ची चबाना भी सेहत के लिए अच्छी है। उसीके साथ उसको दिन या रात भर ग्लास भर पानी में भिगाके के पिना-  चबाना भी सेहत के लिए अच्छा होता है।

   भेंडी का घर पर उत्पादन करना आसान है।  www.chat-par-khet व्दारा लोगोंको घर पर  सब्जीया उत्पाद करने के लिए हर संभव प्रयास करते है। हमारे तंत्र के साथ अगर भेंडी लगायी तो हर हप्ते सब्जी होनी ही है। बहोत सारे लोग घर पर सिर्फ मिट्टी और खाद के साथ भेंडी लगाते है।

जो भी बिज बोया जाता है उनमेंसे आधे पौधे उगतेही नही है। जो उगे उसमें भेंडी बहोत छोटी या कम मिलती है। ईसमें लोग हर हप्ते चार पाच भेंडी फ्रिज में जमा करके फिर कुछ दिन बात भेंडी की सब्जी बनाते है।  अगर आपके घर कम मात्रा में भेंडी का उत्पादन हो रहा होगा तो उसे खाने के साथ कच्ची चबाये। कच्ची भेंडी खाना सलाड जैसा होता है। हमने अनुभव किया है की अगर आपको को खाना तिखा लगा, आपकी मुंह में तिखेपन की आग उबलती हो तो कच्ची भेंडी को चबाके पानी पिये। आपकी मुहं की जलन खतम हो जाऐगी। आगर आप रात भर भेंडी को काट के ग्लास भर पानी में भिंगाके ये पानी पिये उसीके साथ भेंडी भी खाते है तो दिन भर आप तरोताजगी महसुस करेंगे। आनंदी और उत्साहीत रहेंगे। आगर आप दिंन भर भेंडी को ग्लासभर पानी में भिगाके रातका खाना खाने के बात उसे पियेंगे तो रातभर शांती से गहरी निंद आती है।

भेंडी की सब्जी हप्ते में एक दिन खाने के बजाय उसे रोज एक एक खाये उसके अच्छे परिणाम आप महसूस करेंगे।

बाजार की भेंडी की सब्जी करेंगे तो उसमें चिपका चिपका पानी तयार होता है। ऐसी सब्जी मुहं में ही रहती है। क्यों की बाजार की सब्जी रसायनसे बनी होती है। रसायन के वजह हो पानी जादा पकड के रखती है। लेकीन घर पर उगायी भेंडी सुकी सुकी लगती हो। जो खाने में मजा आता है। भेंडी की सब्जी उपवास के दिन भी खायी जाती है। महाराष्ट्र में पानी डालके भी ईसकी सब्जी होती है।

संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग, नाशिक.

लॉकडाऊन में घर पर कैसे उगांए ताजी सब्जियां…

Lockdown में अगर घर बैठे कुछ करने का सोच रहे है तो बागवानी के ये नुक्से अपनाऐ… नही तो ईस ज्ञान से मुकर जाओगो…


लॉकडाऊन में घर पर कैसे उगांए ताजी सब्जियां…

उमर साठ साल, नाशिक के एक नगर में रहने वाला बुर्जुग दामंत्प, उन्होंने लॉकडाऊन के सोलावे दिन की सुबह सुबह मोबाईल पर संपर्क कर के कहा… की हम आपके बहोत शुक्रगुजार है की आपने घर पर सब्जीया उंगाने का जो सेटअप लगाकर गये. उनसे हमें हर रोज ताजी सब्जियां मिल रही है। भले वो हमारे लिए एकाद सब्जी हप्ते में दुबारा मिलती है। लेकीन हम खुश है। बाहर मिलने वाली संसर्गजन्य भी हो सकती है।

ये सुनकर बहोत अच्छा लगा.. वैसे मेरे घर पर भी गर परही उगायी सब्जीया बनाई जा रही है। बाहर के पूर्तता पर निर्भय नही है।

वैसे तो लॉकडाऊन कितने दिन रहेगा, कहां कहां रहेगा इसका कुछ अंदाज नही है। शायद ये कालावधी बढ भी सकता है। उसका अनुशासन करना भी जरूरी है।  हात न धोने की गैर जिम्मेदारी से जान से हात धोना पडता है। असल में लॉकडाऊन का मतसलब है की बाहर कोई चिज से संपर्क में नही आना. लेकीन हम सब्जीया लेके समझकर भी अजांन बन लेते है।

तो ऐसे कठीण समय पर घर पर सब्जीया उगा सकते है। उसके बारे में बताने वालाही हूं लेकीन उसी के साथ दिए हुऐ www.gacchivarchibaug.in  www.organic-vegetable-terrace-garden.com संकेतस्थल पर जाकर जादा जानकारी ले सकते है।

हम तो पहेलेसे ही रसायनमुक्त सब्जीयो का पक्ष लेके चल रहे है। लेकीन समय इतना कठीण है की रासायनिक खाद, औषधियों से भरी सब्जी चल जाएगी.. लेगी कोरोना से संसंर्गमुक्त हो सकती है क्या… तो ईसका जबाब नही है। कुछ कह नही सकते. अगर ऐसा है तो हमे बेझिझक घर पर सब्जीयां उगानीही चाहिए. लेकीन करे कैसे ये बडा सवाल उत्पन्न हो गया है।

ईसकेलिए मिट्टी चाहिए, खाद चाहिए, घमले, ग्रो बॅग चाहिए, और तो और बिज तो चाहिए. बाप रे बाप… लिस्ट तो बढती जा रही है। इस कठीण समय पर हम बाहर निकल नही सकते. सारासर हे मुमकीन नही है ये भावना आ सकती है. लेकीन ईस निराशा को निकाल दिजिए.

आप के पास दूध की २५० एम. एल. की बॅग से लेकर लेडीज पर्स को लेकर जो भी उसका घमला  या ग्रो बॅग के रूप में ईस्तेमाल कर सकते है. ध्यान रहे चिंज कौनसी भी हो उसे निचे छेद होना जरूरी है। ईससे जादा दिया हुआ पानी निकलने में मद्दत होगी.

इसी साधनों में मंदीर में फोडे जाने वाले नारियल के क्यायर डाले. ये नही मिले तो एक एम.एम. की चौडाई वाले सुकी हुई डालियां डाले उसके उपर सुके पत्ते, या सुका हुआ किचन वेस्ट डाले. हात या पांव से दबांए और सबसे उपर दो ईंच मिट्टी डाले. अगर मिट्टी नही है तो आपके पुराने घमलोंमेंसे थोडी थोडी निकाल सकते है। इस तरह अगर घमला भरा जाएंगा तो आपके पास जिस आकार का घमला है। उसी मिट्टी में हम लगबग ४-५ घमले भर जाएगें.

घर मेंही कंपोस्ट बनाने की कौशीस करे.

महिने भर तय्यार होने वाली सब्जीयां

  • मेथी, धनियां, मोहरी
  • गेहुं को सुबह बिगाएं, श्याम को जमीन में बो दे और सात दिन के बात उसका ज्यूस बनाएं. सेहत के लिए अच्छा है. ऐसा रोज करे.
  • चना बो दे . चन आने का मोसम तो नही है लेकीन उसकी पत्तो की सब्जी बना सकते है।
  • प्याज, लहसून और बटाटे को बो दे … आपको प्याज से पत्ती की हर महिने सब्जी बना सकते है. वो तीन महिने चलेंगी.
  • पोथी या आरवी के पत्ते की आप स्वादिष्ट सब्जी बना सकते है।
  • और भी सब्जीयां मिट्टीसे पनप जाती है। उसकी जानकारी ले. वो शायद जंगल में उगने वाली लेकीन खाने जैसी सब्जीयां हो सकती हे।
  • अगर आपके बागवानी में सब्जीयां ज्यादा हो रही हो या आपके पास ईस कठीन समय में घर पर आने वाली मुक्त सब्जीया काटकर धुप में सुका ले तो उसे निर्जलीकरण Drying (dehydrating) कर ले. ताकी वो बारिश में काम आएगी.
  • पालक, गाजर, मुली, बिट का जड लगाकर उसके पत्ते के पराठे बना सकते है।
  • बाजार में मिलनेवाले पके, गले हुए बैंगन, टमाटर, मिरची जैसी जो बी सब्जीयां है उसका बिज निकाल के छांव में सुका ले..उसके महिनेभर में पौधे बना ले…

आपका लॉकडाऊन में खाने की समस्या को कुछ सिमा तक आसान कर सकते है।

कुछ सवाल हो तो जरूर पुछे.

संदीप चव्हाण, सज्जा पर सब्जी. नाशिक.

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