सज्जा पर सब्जी उपक्रम का काम चला रहे है। सारी जानकारी ईससे पहेले मराठी भाषामें उपलब्ध थी. लेकीन भारतभर के बानवानी करने वाले व्यक्तीयों ने हिंदी भाषा उपलब्धता करने की मांग की गयी.
गच्चीवरची बाग नाशिक व्दारा पिछले दस साल से सज्जा पर सब्जी उपक्रम का काम चला रहे है। सारी जानकारी ईससे पहेले मराठी भाषामें उपलब्ध थी. लेकीन भारतभर के बानवानी करने वाले व्यक्तीयों ने हिंदी भाषा उपलब्धता करने की मांग की गयी. ईस दौरान कुछ किताबे लिखी गयी, न्यूज पेपर में कॉलम लिखे गये, यू ट्यूब व्हिडीओ बनाए गये लेकीन ये सारा मराठी भाषा में था. ईसलिए आनेवाले हर शनिवार के सुबह ११ से १२ दरम्यान यू ट्यूबपर लाईव्ह आने का नियोजन किया है।
आप अगर छत पर खेत कर रहे है तो, ईस कार्यक्रममें आवश्य सहभागी हो.
ईस लाईव्ह सेशन में निम्मलिखीत विषयों की जानकारी दि जाएगी..
कृपया आपके सवाल चॅट बॉक्स में लिखना.. या 9850569644 या व्हॉट्स अप न. पर भेज सकते है। शनिवार २५ संप्टेबर २०२१ कुंड्या कशा भराव्यात?
शनिवार २५ संप्टेबर २०२१ घमलों को कैसे भरे?
शनिवार २ ऑक्टोबर २०२१ होम कंपोस्टींग कैसे करे?
शनिवार ९ ऑक्टोबर २०२१ खाद का उत्पादन और नियोजन
शनिवार २३ ऑक्टोबर २०२१ कीडो को कैसे नियंत्रीत करें?
शनिवार ३० ऑक्टोबर २०२१ धुप, प्रकाश, तापमान, पाणी
शनिवार ६ नोव्हेंबर २०२१ छत पर खेत के और भी सेटअप प्रकार
शनिवार १३ नोव्हेंबर २०२१ अभ्यास कैसे करे?
शनिवार २० नोव्हेंबर २०२१ छत की रख रखाव कैसे करे ?
शनिवार २७नोव्हेंबर २०२१ फुलं के पौधे
शनिवार ४ डिंसेबर २०२१ फलों के पौधे
शनिवार ११ डिसेंबर २०२१ कोकोपीट फायदेमंद क्यूं नहीं ?
शनिवार १८ डिसेंबर २०२१ छोटे सी जगह में गार्डेनिंग
शनिवार २५ डिसेंबर २०२१ हायड्रोफोनिक्स क्यूं नही.
शनिवार १ जानेवारी २०२१ शुन्य लागत की बागवानी
यू टयूब चॅनेल: Home Grow Vegetable services गच्चीवरची बाग नाशिक.
आज हम शहर का जीवन जी रहे हैं। जैसे-जैसे शहर बढ़ते हैं, वैसे-वैसे खेत भी बढ़ते हैं। इसके अलावा, हमारे दुनिया छोटी हो जा रही है जैसे की भविष्य में रहने की जगह शौचालय, स्नानघर और बिस्तरों तक सीमित हो जाएगी। नैनो फ्लैट बनकर तैयार हैं। क्योंकि बाहर खाने-पीने के लिए होटल होंगे, घूमने के लिए बाग बगीचे होंगे, मनोरंजन की तमाम सुविधाएं होंगी।
हालांकि ऐसा होने की उम्मीद नही बल्की हो रहा है। सारे सर्व्हिसेस हमे बाहर मिल रहे है। घर तो नाम का हो गया है। इस सारे दौर में हमारा जरूरत एैसा अच्छा, पौष्टिक, निश्चित, गैर-विषाक्त भोजन दुर्लभ होने जा रहा है। भले ही महानगर विकास की हमारी यात्रा निकट आ रही हो, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप स्वस्थ खाने के विकल्प विकसित करें। और इसे स्वयं करना बहुत महत्वपूर्ण होगा।
घर की सब्जीयां...
पुणे, मुंबई और नासिक के सुर्वणाकिंत ट्राएंगल शहरों में अब हमें छोटी गैलरी, किचन की खिड़कियों, खिड़की की ग्रिल में सब्जियां उगाने की जरूरत है। छत पर बागवानी जमीन पर या छत पर एरोब्रिक्स द्वारा की जाती है। लेकिन सवाल यह है कि छोटी सी जगह में कैसे उगाया जाए।
इसके समाधान के लिए टेरेस गार्डन से अन्नपूर्णा बैग उपलब्ध हैं। ये बैग कम दामों में उपलब्ध हैं। लेकिन अगर वे हमारे रास्ते में भरे हुए हैं, तो वे सात या आठ साल तक रहेंगे। इन बैगों को सब्जी के बगीचे को उगाने के लिए खिड़की की ग्रिल, बालकनी पर रखा जा सकता है।
इसके समाधान के लिए टेरेस गार्डन से अन्नपूर्णा बैग उपलब्ध हैं। ये बैग कम दामों में उपलब्ध हैं। लेकिन अगर वे हमारे तरीकों में भरे हुए हैं, तो वे सात या आठ साल तक रहेंगे। इन बैगों को सब्जी के बगीचे को उगाने के लिए खिड़की की ग्रिल, बालकनी पर रखा जा सकता है।
इन थैलियों में कंद (अदरक, हल्दी, मूली, गाजर, शकरकंद) के साथ-साथ सभी प्रकार की पत्तेदार सब्जियां पैदा की जा सकती हैं और कुछ फल और सब्जियां भी उगाई जा सकती हैं। उदाहरण के लिए, बैंगन, टमाटर, मिर्च, भिंडी, फूलगोभी, पत्ता गोभी को अच्छी तरह उगाया जा सकता है।
इन बैगों को डाक से भेजने की व्यवस्था है।
पेड पौधे जब सुकने, मरने के स्थितीमें हो उस वक्त पत्ते पिले पडते है। चिंतीत होना स्वाभाविक है। लेकीन सही कारण का अनुमान लगा नही लेते तब तक चिंतीत होना व्यर्थ है।
WHY GREEN LEAVES TURN IN YELLOWISH
बारिश के मोसम में पेड पौधे के पत्ते पिले पडते है। बागप्रेमी अक्सर पत्तों के पिला पडने से चिंतीत होते है। खासकर पेड पौधे जब सुकने, मरने के स्थितीमें हो उस वक्त पत्ते पिले पडते है। चिंतीत होना स्वाभाविक है। लेकीन सही कारण का अनुमान लगा नही लेते तब तक चिंतीत होना व्यर्थ है। पत्ते पिला पडने के अनेक कारण है। उसके क्या क्या कारण होते है। उसे प्राथमिकता के साथ अगर आप निष्कर्ष करेगें तो उसका पता चल जाता है।
घोंघा का नियंत्रण कैसे करे
अगर बारिश के मोसम के बाद पत्ते पिल्ले पड रहे है तो समझो उनको खाद की जरूरी है। मिट्टी के उपजावू तत्वों में असंतुलन आ गया है। अक्सर बारिश के वजह से मिट्टी के सुक्ष्म तत्व बह जाते है। उनको खाद के रूप में या टॉनिक के रूप में पर्यांप्त मात्रा में खाद देना जरूरी है। तो तरूंत उचीत मात्रा में (एक चौरस फूट के लिए अधा या पाव किलो गोबर खाद डालना जरूरी है। अगर आपके पास गोबरखाद, कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट है तो उसको एक साथ मिला ले या एक सिमीत कालावधी के बाद अलग अलग ही दे सकते है। ) बारिश में अक्सर द्रव्य liquid खाद देना जरूरी है क्यूं की जमीन निचे तक पानी से गिली रहती है। उसके साथ द्राव्य खादों की मात्रा सर्वदूर पहूंच जाती है।
खाद के प्रकार और उनके उपयोग
ऑक्टोबर हिट में तो पत्ते का पिला पडना आम बात है। ईस मोसम में उनको कडी धूप या तापमान से बचाना चाहिए। इसके लिए जालीदार हरा कपडा आता है। ५० प्रतिशत धूप निचे आने वाले जालीदार कपडो का चयन करे या खाद के रूप में ह्यूमिक जल का ईस्तेमाल करे ईससे ऑक्टोबर हिट से बगीचा का रक्षण भी होगा और उत्पादन भी बढेगा। ह्यूमिक जल के ईस्तेमाल के बाद आपके जालीदार हरा कपडा लगाने की जरूरत नही ।
पत्तो का पिला पडना ईसके और भी कही कारण होते है। अगर पत्ते जड से पिले पड रहे है तो समझो वो अभि परिपक्क हो गये है। उनको निकालकर मिट्टी में दबा दे। या उसको कैची से छोटे छोटे तुकडे करके उसको भी मिट्टी में मिला दे। उससे इसका खाद बन जाएगा। खाद का अभाव दूर हो जाएगा।
दो मोसम के बिच में पौधो की पाचक व्यवस्था बदलती रहती है। वो मोसम नुसार खुद में बदलाव लाते है। कारण एक, ज्यादा बारिश में या दुसरा थंडी के मोसम में परावर्तित होने के मध्यकाल में भी पत्ते पिले पडते है। झडते है। जैसा थंडी के मोसम के बाद कडी धूप सहने के लिए पेड पौधो को पत्तों का नया बहार आता है। यह स्वाभाविक है।
घमलों को कैसे भरे
पेड पौधों को पाणी की मात्रा कम होने कारण भी पत्ते पिले पडते है। आप पाणी के वारंवारिता बढा दिजिए। या ज्यादा पाणी देने के कारण भी पिले पडते है। ज्यादा पानी देने से पत्ते पिले पड रहे है तो जड सडने की संभावना होती है। ऐसे स्थिती में पौधा मर जाता है।
बारिश का पाणी treated नहीं होता. वह पाणी पौधे सह लेते है लेकीन घमले अगर पाणी ठिक तरह drain नहीं हो रहा, ठहर जाता है तो पौधा जड के सडने के कारण भी पत्ते पिले होते है।
उपर बताएं कारणो में कोई कारण या दर्शक हो तो तुरंत उपाय किजिए। अनाश्यक चिंता करने की जरूरत नही। पेड पौधे को जड को किडा लगेने से भी पत्ते पिले पडते है। ऐसे स्थिती में आपको निमखली का समय समय में ईस्तेमाल करना जरूरी है।
खाद की विविधता को और कौनसा खाद किस समय देने के लिए ये लेख आवश्य पढे। Garden Care Basket
संदीप चव्हाण, नाशिक, महाराष्ट्र में रहते है। पिछले चार साल से गारबेज टू गार्डन तंत्र को लेकर नाशिक में जहर से मुक्त सब्जिया और बागवानी बनाने के लिए लोगोंको प्रेरीत करते है। उनका सपना है की लोग अपने छोटी छोटी कौशिसे व्दारा जहर मुक्त सब्जिया घरपर ही उंगाये, पर्यावरण का खयाल रखे और निसर्ग के साथ जुडे रहे। इसलिए खेती की जरूरू नही है। शहर में जो भी जगह उपलब्ध है जैसे की (पंराडा, टेरेस, बाल्कनी, विंडो) उसीमें उपलब्ध नैसर्गिक संसाधनो (किचन वेस्ट, सुखे पत्ते,) के साथ और जो भी उपलब्ध वस्तूंए में बागवानी करने के लिए प्रेरीत करते है। आज शहर में डंपीग ग्रांऊड की समस्या बढ रही है। अगर लोगों ने इस तरह किचन वेस्ट का जगह ही पर उसका सुखाकर इस्तेमाल किया तो डंपीग ग्रांऊड की समस्या नही रहेगी। और यह एक कारगर व आसान तरीका है। किचन वेस्ट का कंपोस्टिंग बनाने की कोई जरूरी नही.. ऐसा उनका कहना है। खाद बनाना यह प्राकृतिक के खिलाफ है और उसमें समय का गवाना है यह उनका मानना है।
इसलिए वह पिछले १२ साल से प्रयत्न कर कर रहे है। इस प्रयत्नों के पिछले चार साल में अपने परिवार के लिए उपजिवाका का माध्यम बनाया है। उनके साथ उनका परिवार और दो लोगों को भी रोजगार की प्राप्ती होती है।
जहर मुक्त खेती की आज बहूत जरूरी है। इसके बारे में लोगों को जागृत करना और निसर्ग के प्रती उनका सहयोग लेना जरूरी समजते है। इसलिए उन्होंने एक देशी नस्ल की गाय पाली है। उसीके गोमुत्र और गोबर से टेरेस फार्मिंग में उपयोग करते है। इस काम को गती मिलने के लिए लंबे प्रयोसो के बाद एक चार पैयावाली गाडी खरेदी है। उसीसे थोडा आसानी हो गयी है। लेकीन यह सब कर्जा है। और कुछ कुछ करना है। उसके लिए और कर्जा मिलना मुश्किल है। और उनके सपने की कडी में कुछ साधनों की कमतरता है। अगर निचे नमुद कियें हुंए साधन का जुगाड हो जाता है तो में पर्यावरण के क्षेत्र में लोगोंका और बडी मात्रा में सहयोग ले सकत है। और अपनी सिंमेंट की निस्तेज वंसुधरा को हरे हरे रंग के कुछ रंग भरना चाहते है।
Petrol Shredder machine 65000/- छत पर बागवानी के लिए 80 % बायोमास ( नारियल के छिलके, गन्ने का छिलके, पेड पौध्दे के पत्ते, सुका हुआ किचन वेस्ट और 20% मिट्टी और खाद का उपयोग करते है। उपरोक्त मशीन व्दारा जो भि बायोमास लोगोव्दारा फेका या जलाया जाता है। उनको क्रश करके उपयोग कर सकते है। इससे दो फायदे है। एक कम जगह में जादा से जादा संग्रहीत कर सकते है। और ट्रान्सपोर्ट के लिए सुविधा होगी।
किताब प्रकाशन 75000/- अब गच्चीवरची बाग ( टेरेस फार्मिंग) ये किताब की व्दितीय आवृत्ती प्रकाशीत करना चाहते है। जो स्वः एक प्रशिक्षण पुस्तिका की तरह होगी। ताकी इसे पढकर इच्छुक लोंग अपने घरपे ही किताब पढकर छत पर बागवानी कर सकते है। इससे पर्यावरण के क्षेत्र में बढा काम खडा रह सकता है।
बफींग machine 10000/- मंदीर से जमा किए नारियल के कठीण कवच से मैं किचेन्स बनाना चाहते है। कुछ चिंजे हातोसेही बनायी है इसमें बहोत सारा वक्त लग जाता है। उपरी मशीन अगर मिल गयी तो मैं कोकोनट शेल से अलग अलग चिंजे बना सकते है। जो पर्यावरण पुरक होगी। और स्थानिक महिलांए के लिए रोजगार की प्राप्ती होगी।
Total amt: 150000/-(1.5 lakh)
उनके कार्यपर युट्यूब पर एक फिल्म है उसे हर रोज २५० लोग देखते है। इसी विषय में मैने लोकसत्ता इस वर्तमान पत्र में एक साल कॉलम लिखा है। इसी काम की विविध माध्यमों व्दारो समाचार पत्र में जीवन परिचय प्रकाशित हुए है।
You must be logged in to post a comment.