Garden Designe कैसे करे…

आपको निसर्ग के प्रती लगाव है?.  आप प्रकृती के साथ जुडना चाहते है ?.  या पेड पोधों में आपको रूची है?.  ये सारे सवाल आपको गार्डेनिंग बनाने की ईच्छा को प्रदर्शित कर रहे है. मन की सुनो, अगर चाहते है तो कहीसें ना कहीसे और कैसेही शुरूवात करो. आप दिमाग की सुनेंगे तो कभी नही होगा. दिमाग हमेशा सुई की नोक के आकार की दिक्कत को पहाड बना देती है.  तो भी सवाल आता है, करे तो क्या  करे और  ना करने से तो कोई फायदे नही.  क्यों की गार्डेनिंग के बहोत सारे फायदे है..

गार्डेन और  गार्डेन डिझायनिंग का अगर सोच रहे है तो उसके बारे में एक नक्शा ( गार्डेनिंग की नशा होती है) दिमाख में तयार कर लेना चाहिए. ये नक्शा किन मुद्दो के आधार बनेगा… ये जानेंगे.

गार्डेनिंग करते समय पहेले विचार आता है की गार्डेनिंग को कैसे डिझाईन की  जाएं.  ?

आपके पास जगह कितनी है…

आपके पास जगह कितनी है. अगर आप गार्डेनिंग के लिए उत्सुक है तो जगह का विचार पहेले करना चाहिए. भले वो जगह, विंडो ग्रील हो या, बाल्कनी हो या टेरेस हो. इसमेसे कौनसी जगह है, उसके फायदे तोटे क्या है, इसलिए जगह के बारे में पहले सोचना चाहिएं. जगह कितनी भी हो उसमेसे गार्डेनिंग के लिए कितना उपयोगी है, या उपयोग में ला सकते है इसका दुसरा विचार होना चाहिए.  अक्सर हम अपार्टमेंट में रहेते है उसमें छोटी छोटी बाल्कनी उपलब्ध होती है. यह बाल्कनी गार्डेनिंग के सिवा और भी कुछ काम के लिए उपयोग लाया जाता है जैसे की कपडे को सुखाना, वॉशिंग मशीन रखना, कबाड या अनचाही वस्तूं रखना. ( ये भी तो जरूरी है.) तो इसका विचार करके भी हमे गार्डेनिंग के बारे में जगह का सोचना चाहिए..

जगह के अनुसार गार्डेनिंग का चयन…

जगह के अनुसार कौनसा गार्डेनिंग करना है इसका विचार होना चाहिएं.  नही तो जगह सिर्फ विंडो ग्रील की उपलब्ध है और हम फ्रुट्स गार्डेन का सोच रहे है तो ये असंभव है.. क्यूं की फ्रूट गार्डेनिंग के लिए हमे बडे घमले जरूरी है.

गार्डेनिंग के प्रकार: फ्रूट्स गार्डेन, फ्लॉवर गार्डन, हर्बस गार्डेन, व्हेजेटेबल गार्डेन. सक्यूलंट्स गार्डेन, ऑरनामेंटल गार्डेन.

फ्रूट्स गार्डेन :आम, पेरू, पपिता, अंजीर, केला, इनको बडी जगह जाहिए. तो लिंबू घमलों भी होता है.

फ्लॉवर गार्डेनः गुलाब, मोगरा (Jasmine) जैसे कुछ पौधे shrub ( छोटे पौधे) होते है तो कुछ बेलवर्गीय ( क्लाईंमबर) होते है. climbers के लिए जगह मोटी चाहिए.

हर्बस गार्डेन: अक्सर हर्बस ( औषधी वनस्पतीयां) ये छोटे छोटे पौधे होते है. जैसे की तुलसी, अजावाईन, एलोव्हेरा ( गवारपाटा) ऐसी अनगिनत वनस्पतीयां उपलब्ध है जो आप घर पर उगा सकते है.

सब्जीयों का गार्डन: पत्ते की सब्जी, फल सब्जी, कंदमुली, फूलसब्जी, बेल सब्जी इतने सारे सब्जियों के गार्डेन में प्रकार होते है. इनको घमले, सगुणा ग्रो बॅग्जस, अन्नपूर्णा बॅग्जस, एरिओ ब्रिक्स बेड, राईस बेड (इनके वविध आकार है.) किसमें लगाना चाहते. कितने मात्रा में लगाना चाहते है ये उसके उपर निर्भय है की उसके लिए कौनसी जगह का चयन करे.

कॅक्ट्स , सक्यूलंट्स गार्डेनः  इनमें इतने सारे प्रकार, विविधता है की जैसे जैसे उसका संग्रह करते जाते है उनमें नया कुछ ना कुछ मिलताही जाता है. इनके लिए चाय के कप या छोटा बर्तन के आकार मेंभी आप इसको बढा सकते है.

तो जगह हे अनुसार गार्डेनिंग का चयन कर या लेकीन इसमे और भी सुक्ष्म विचार होती है.. की कौनसे प्रकार के पौधो को बढने के लिए कितनी जगह चाहिए. जैसे की केले के लिए बडा ड्रम जरूरी है लेकीन उसके साथ उसे टेरेस भी जरूरी है.

( सुझाव: यहां पर आपको इक प्रशिक्षक की जरूरत है. जो आपको आपके सारे सवालों के बारकाईसे जवाब दे सके) 

गार्डेनिंग के लिए ये  तो जरूरी है.

गार्डेनिंग के लिए जगह का चयन हो गया, गार्डेनिंग की प्रकार का चयन कर लिया. लेकीन और कुछ मुद्दों का विचार करना जरूरी है,

१) सुर्यप्रकाशः सुर्य की किरणे और उनका प्रकाश इसमे महद् अंतर है. कोई पौधो को डिरेक्ट सनलाईट चल सकता है को किनको सिर्फ प्रकाश याने लाईट ही चलता है. इसके बारे में अनुभवी व्यक्ती के साथ विचारों को, प्रश्नो को वक्त वक्त पर साझा करना जरूरी है. वही तुम्हे मार्गदर्शन कर सकता है. अकेले सिखने और युट्यूब पर देखके सिखने में भी बडा अंतर है.  सुर्य किरणों से सिर्फ वनस्पती अन्न नही बनाते बल्की जमीन पर सुर्य किरणो से मिट्टी मे पैदा होने वाले विषाणू को भी नियंत्रीत करती है.

सुझाव:देखना, सुनना, बात करके समझना, समझके के करके सिखना ये  सिखने की सिढीयां है. कुछ लोग देखना और सुननेसे ही सिखना का प्रयास करते है और उसीमें उलझ जाते है. – उनके लिए भी गुड लक..

२) हवा का प्रवाह: गार्डेन मे हमेशा हवा का बहना जरूरी है, बहेती हवा कीडों को नियंत्रीत करती है. अगर हवा का कही पे रूक रही है तो वनस्पती को बार बार किडों से झुझना पडेगा. और आपको भी ज्यादा कष्ट लेने पड सकते है.

३) हलचल के लिए सहेजता हो:  गार्डेनिंग की नशा दुनिया में सबसे बडी नशा है. इसमें  स्त्री हो पुरूष आंधे हो जाते है. तो आखें खुले रककर खुदसे ही सवाल पुछे. तभी आप अच्छा निर्णय ले पाएंगे. बहोत सारे लोग कम जगह मे ज्यादा से ज्यादा वनस्पतींयों को बढाने की कोशिश करते है. छोटे छोटे घमलो में पौधो को उगानास बढाना का प्रयास करते है. इससे होतो ये है की आपको गार्डेनिंग से सुखून मिल जाएंगा लेकीन वहां पर अगर कुछ समय बिताने के लिए भी जगहं, फुरसत नही होगी तो ऐसा गार्डेनिंग किस काम का..

४) सुदंरता प्रदान करे: गार्डेनिंग भले कितना छोटा हो या बडा इससे फरक नही पडता. वो घर के हर कोनेसे उसमें सुदंरता प्रदान करेगी तो वो आपको आनंद देगा. ये सुदंरता हम घमलो का आकार, घमलों का रंग, पौधे का चयन, और उनको बढने में लगने वाली समय की लागत , पैसे की लागत इसका भी विचार होना चाहिए.

सुझाव: ऑनलाईन गार्डेनिंग मार्गदर्शक व्दारा सिखे वो आपके पैसा, समय दोनों बचाएंगे. 

सांराश : गार्डेनिंग ये एक नियोजनबद्ध रचना है, उसे सिखने की जरूरत है. समझने की जरूरत है. 

संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग ( अर्बन फार्मिंग कन्स्लटंट एवंम ऑनलाईन कोच)

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संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग, नाशिक. महाराष्ट्र. इंडिया से.. 9850569644

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By Gacchivarchi Baug Nashik

Grow, Guide, Build, Procuts. Sale N Services: hi, Welcome to My Grow Orgranic - Gacchivarchi baug Gardening Youtube Channel. i am sandeep chavan, Nashik Maharashtra. 23 years studied in grow organiclay in urban Farming n 13 years field experiece . Growing organiclay my Passion And profestion. terrace garden Expert, i am sharing here my work of vegetables Gardening Tips, Tricks n Ideas. You get all the helpful info on Urban Home Gardening, how to build a terrace vegetable garden, Kitchen garden in Hindi n marathi. vegetable gardening for beginners, gardening tips, how to Grow plants in a pot, bags, lands n terrace. , how to grow organic vegetables at home, Organic fertilizer and its uses and techniques like seed germination, growing plants, cuttings, Fertilizers, Soil types, pest control, Garden Decor Idea, Garden Science, Tips & Tricks. how to understand soil machanisum . home made pesticides. lots of ideas. expenrence want share with you. i also run Online gardening course, weekly live session. grow vegetables. guide digitaly, build setups. sale gardening products n E books also. lets join us n grow your own food at your own yard. i like to create Shorts, Youtube Shorts n Video. sandeep chavan. gacchivarhi baug. #vegetablegardeningingrowbags #growbagsepicgardening #groworganic गच्चीवरची (विषमुक्त भाजीपाल्याची) बाग अर्थात ऑरगॅनिक भाजीपाल्याची बाग. आम्ही पूर्ण वेळ काम करतो. गच्चीवरची बाग या पर्यावरणपुरक उद्मशीलता नाशिक शहरात रूजवत आहोत. गच्चीवरची बाग या उपक्रम येत्या मार्च २०२१ मधे १० व्या वर्षात पदार्पण करत आहे. शहरात गच्चीवर S.M.A.R.T पध्दतीने विटांचे वाफ्यामधे, अन्नपूर्णा बॅग्जसमधे वेलवर्गीय, कंदमुळं, पालेभाज्या, फळभाज्या, रानभाज्या अशा सर्वच प्रकारचा विषमुक्त भाजीपाला अर्थात ऑरगॅनिक व नैसर्गिक पध्दतीनी भाजीपाला पिकवून दिला जातो. तसेच फळझाडे, औषधी वनस्पती, फूलझाडे यांचेपण संगोपन केले जाते. या विषयीच्या सर्वच कामांना अर्थात कचरा व्यवस्थापन, होमकंपोस्टींगव गच्चीवरील बाग, टेरेस फार्म अशा सर्वच कामाना २००१ पासून शिकायला सुरवात झाली. थोडक्यात या विषयीच २१ वर्षाचा अनुभव पाठीशी असून मागील आठ वर्षापासून नाशिक शहरात या विषयावर पूर्ण वेळ काम करत आहे. आमचे काम हे Grow, Guide, Build, Products Sale N Services in Nashik या पंच अंगाने सुरू आहे. जणू एकाद्या वनस्पतीचे पंचाग समजूया. घरी पिकवलेल्या भाज्या या औषधाप्रमाणे असतात. त्याचे पंचाग हे म्हणजे मूळ, खोड, पान, फूल, फळ हे जसे कामास येते तसेच आमचे काम मराठी व हिंदी भाषिक बांधवासाठी उपयोगी आहे. गच्चीवरची बाग हे प्रातिनिधीक नाव आहे. पण त्यास विविध नावाने ओळखले जाते. टेरेस फार्मिग, गच्चीवरील बाग, गच्चीवरील माती विहरहीत बाग, सेंद्रीय शेती, अंगणातील परसबाग, हिरवा कोपरा, बाल्कनी गार्डन, संक्यूलंटस व कॅकट्स गार्डन, होम गार्डन, नेचर गार्डन, किचन गार्डन, गच्चीवरील ऑरगॅनिक भाजीपाल्याची बाग, Roof Top Garden, Terrace Garden, सज्जा पर सब्जी, छत पर खेत, बागवानी, Innovative Garden अशा विविध नावाने ओळखली जाते. आम्ही नैसर्गिक कचरा व्यवस्थापनाचेही काम करतो. तसेच आपल्याला भाजीपाला आपल्या घरी फुलवायचा असेन तर त्यासाठी विविध उत्पादने तयार केली आहे. सध्या आमच्याकडे बावन्न प्रकारच्या सेवा व सुविधा उपलब्ध आहेत. ज्यात माती, खत, Booster, Insects Control उपलब्ध आहे. लोकांनी घरच्या घऱी भाजीपाला पिकवण्यासंदर्भात सहज सोपे समजेल असे साधे पण विज्ञान आधारीत तंत्र विकसीत करणे, त्याविषयीचे ज्ञान उपलब्ध करून देणं. त्यातून नैसर्गिक पध्दतीने भाजीपाल्याची बाग फुलवता येईल. अधिक माहितीसाठी आमचा Blog Subscribe करा.

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