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घर पर सब्जियां उगांने के बहोत सारे फायदे है..
इस अनिगत फायदे की अगर लिस्ट करे तो रामभक्त भगवान हनूमान के पुछं जैसे लंबी इनके फायदे है. यहां पर आपको महत्वपूर्ण फायदें की जानकारी दे रहे है. घर पर सब्जियां उगांने के स्वास्थ से लेकर पर्यावरण में जल, जंगल और जमीन के भी फायदे है. आएं इसे जानते है.

घर में उगाएं संब्जीयों का महत्व
- स्वास्थ में लाभः घर में उगांयी सब्जियां रेसिड्यू फ्री और हानिकारक पेस्टिसाईड ( रासायनिक दंवा और खाद) से मुक्त होती है. इससे सेहत पर रसायनसे होने वाले नकारात्मक प्रभाव कम होता है. विटामिन, नॅचरल मिनरल्स, फायबर प्रचूर मात्रा में होती है

- प्राकृतिक पोषणः घर पे उगांयी सब्जियां बेहद पोषणयुक्त होती है. इनसेही प्राकृतिक रूप से पोषक तत्व, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट्स तत्व मूलरूप में मिलते है. जो मानव शरिर के लिए आवश्यक होते है. इससे हमारी इम्यूनिटी पॉवर बढती है. रोगोसे दूर रहने में मदत होती है.
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- ताजी ताजी सब्जीयाः ताजी सब्जियों में पोषण मुल्य और तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है. और घर की सब्जी तो जब चाहें तब निकालकर बना सकते है. उसका स्वाद ले सकते है. बाजार की सब्जियां बासी रहती है. वह कहांसे व कितने दिन से निकाली है ये आपको पता नही होता. सब्जी भले हरी हो लेकीन वो बांसी हो तो वो खरिदने का महत्व ही क्या है. तो इससे घर पर उंगायी सब्जियां सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है.
- मधूर स्वादः बाजार में मिलने वाली सब्जियां कम समय में उगांयी जाती है. इसलिए उसमें मिट्टी का स्वाद नही होता. इसकी तूलना में घर उगायीं सब्जियां ज्यादा स्वाद, मधूर और प्राकृतिक टेस्ट होती है.
- हवा को शुद्ध रखनाः घर की सब्जियां ग्रीन हाऊसेस गॅस को कम करती है. हवा में प्राणवायू को बढाता है. क्यों की इसमें कोई भी केमिकल का ईस्तेमाल नही होता. गॅसेस का निर्माण होता है.

- खर्चे में कटोतीः महिने के राशन के साथ साथ सब्जियों का भी एक बजेट होता है. घर पर सब्जियां उगांके हम पैसो को बचाते है. एवंम आगे जाके आनेवाली सेहत के खर्चों को भी बडी मात्रा में बचाते है. जो कभी हम नोटीस नही कर सकते.
- हॉटेलिंग बंदः घर की सब्जियां खाने से बाहर का खाना खाने की इच्छा नही होती. क्यों की शरिर को जरूरत तत्वो की पूर्ती तो घर की सब्जियोंसे होती है उसिके साथ खाने का सुख औऱ समाधान मिलता है.
- आनंद की यात्राः घर पर सब्जियों उगांने का आनंद की भी कॉमेडी रिरीयल या शो से ज्यादा आनंद देती है क्यों की सृजन का, निर्मिती का आनंद सबसे बडा होता है.
- मंनोरंजन की खदानः जब आप घर पर सब्जियां उगांते है तो उनके साथ प्रकृती अलग अलग रचनांवो का निर्माण करती है. रंग, प्रकाश, उनका बढना ये खुले आंख से देखना बडा मंनोरंजक होता है.
- सिखने की पाठशालाः घर की सब्जियों की बागवानी यह स्वंय सिखने की पाठशाला है. सिखने की जैसे उम्र नही होती वैसे ही निसर्ग से सिखने में कोई सिमा नही होती.

- खुद से संवादः घर पर सब्जियां उगाने से आप प्रकृती के साथ संवाद याने खुदसे संवाद होता है. बागवानी करते समय हम सारा मानसिक तणाव दूर हो जाता है. हम पौधों के साथ साथ खुद के साथ भी संवाद करने लगते है इससे व्यक्तिमत्व को हिरे जैसे चमक आती है. संवेदनशिलता में सुधार होता है.
संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग, नाशिक ( कन्स्लटंट एवंम कोच)