World Honey Bee Day
20 मे ये दिन दुनियाभर में मधुमख्यीया दिन से जाना जाता है.. हां हां वही मधुमख्यीयां जो हमे स्वादभरा मिठासा शहद उपलब्ध करा देती है..
अक्सर आज कल कौनसा दिन मनाया जाएगां उसका भरोसा नही.. ऐसा कुछ आपके मन में आया होगा.. लेकीन दोस्तो ये जरूरी है. आदमी इतना भाग रहा है की थोडासा रूककर भी सासं लेने के लिए फुरसत नही लेता..
हम भागते रहेंगे और हमारा सुख समाधान का प्याला भर जाएगां.. ऐसा हमे लगता है… लेकीन क्या सिर्फ हमारे भागने से हो जाएगा सारा.. नही दोस्तो हमारे इस भाग दौड में बहोत सार कुछ हाथो से निकलता जाता रहा है.. किंबहुना छुटता जा रहा है.. इसी छुटने वाली जिचों में है हमारी प्रकृती और प्रकृतीसे जुडें छोटी छोटी चिंजें… जैसे की मधुमख्यीयां..
मधुमख्यीयां को हमारे जिवन में बहोत सारा महत्व है.. ये लोग भुलते जा रहे है.. इसिलिए तो याद दिलाने के लिए दिन मनया जाता है..
ये दिन क्या आज, ईसी साल मनाया जा रहा.. नही दोस्तो, ये दिन 2018 से मनाया जा रहा है.. विश्व मधुमखी दिवस मनाना बहोत महत्व पूर्ण है…
सिर्फ शहद का ही महत्व समझने में शब्दो की कमी पड जाएंगी उसमे मधुमख्यीयों का महत्व जानने में दिन लग जाएंगे.. दोस्तो लेकीन इस अवसर पर मेरे कुछ विचार रखना चाहता हूं.. आपको ईसमें रूची हो तो आवश्य इसके बारे में और भी जान सकते है…
शहद का महत्व…
- हनी एक प्राकृतिक पदार्थ है जो मधुमेह और अन्य गंभीर, आधुनिक रोगों के इलाज में मदत करता है।
- हनी में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाता हैं जो शरीर को रोगों से मनुष्य ही नही बल्की अन्य प्राणीयोंको भी रोगो से बचाने में मदत करते हैं।
- हनी में विटामिन, खनिज तत्व और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता हैं।
- हनी गले के रोगों, खांसी और सर्दी जैसी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।
- हनी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने, हृदय रोगों को कम करने और स्वस्थ रक्तचाप को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
- हनी का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने में किया जा सकता है और अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- हनी को चोटों, जलन और कटाव के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं।
- हनी का नियमित सेवन त्वचा को स्वस्थ, चमकदार और झुर्रिया कम करने में मदत करता है…
दोस्तो और भी कुछ फायदे है.. लेकीन शहद शुध्द होना चाहिए.. आजकल बहोत सारी बढी बढी कंपनीया शहद निर्माण कर रही है.. लेकीन थोडा सोचो ये चोविसो घंटे शहद का पॅकिंग करते है.. बेचते है.. फिर भी दुकांनो में, गोडाऊनों में पडा है.. अगली ५० साल तक स्टॉक तयार है…
तो इसी को बारकाईसें सोचेंगे तो क्या ये शहद असली है? नही इसमें मिलावट है.. तो आरोग्यदायी कैसे होगा.. शहद अगर शुध्द नही होगा तो आर्युवेद को बदनाम किया जाता है… तो शहद लेना है छोटो गांव वालो से लेना, जंगलो में, जंगल के आदीवासी भाई बहेन से लो, इनके साथ काम करने वालो लोगों से लो… ताकी वो आपको शुध्द शहद के बारे में बता भी सकेंगे… (आपको शुध्द शहद वह भी 24 प्नकार के स्वाद मे लेना चाहते हो तो.. लेख के अंत में आपको संपर्क न. दुंगा..)
एग्रिकल्चर महत्वः
तो शहद का महत्व हमारे जिवन है ही लेकीन २० हजार प्रकार की जाती प्रजाती होने वाली ये मधुमख्यीयां हमारे खेती के लिए, फल फुलों के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है.. लेकीन हमारे रासायनिक खादो और दवांओ ने उसको खतम कर दिया…
आपको प्राकृतिक रूप से खेती करना चाहते है तो उसमें किटको का भूमिका महत्वपूर्ण है लेकीन किटकों में भी भूमिका सबसे उपर है.. निसर्ग की ये अनमोल देन है. हम शहद का महत्व जानते है लेकीन बडी निर्दयता के साथ मधुमख्यीयों के साथ व्यवहार होता है.. शहद पाने के लिए उन्हे जलाया जाता है.. वो भी हजारों की संख्या में.. ये सिखना पडेगा.. सिखना जरूरी है.. सोचा जाएं तो शहद उनका खाना है लेकीन हम ही उसको छिन लेते है. असल में उनके व्दारा जो पॉलीनेशन का काम होता है वह शहद से ज्यादा मह्त्वपूर्ण है..
तो अगर आपको इस विश्व दिवस पर आपको शुद्द शहद चाहते हो या सिखना चाहते है ( कोर्स के रूप में) आप भी कुछ करना चाहते है.. तो जरूर इस ईमेल पर संपर्क करे.. sarikasaswade@gmail.com
सारिका सासवडे कौन है..
मधुमख्यीया के विषय को लेके बहोत सारे लोग काम कर रहे.. लेकीन वह सारे पुरूष ही है. महिलाओ मे एक व्यक्ति है जो सारिका सासवडे जिसके भारत की मधुसखी से जाना जाते है.. उन्होंने अपना पुरा जिवन इस विषय पर अर्पित किया है. जंगल से आदिवासी भाई और बहनों के साथ संपर्क बनाके , उनको मधुमख्यीयों बारे प्रक्षिशित करके उनसे शुध्द और तंत्रशुध्द रूप में शहद जमा किया जाता है. हालांकी इसका पॅकींग, मार्केटिंग, एवंम सारी प्रक्रिया महिलांओ के बचत गट व्दारा किया जाता है.. उनके फर्म का नाम है शिवनेरी हनी बिज नाम का नेटवर्क है… इसके साथ साथ वो स्कूल, कॉलेजेस, शहर, गांव में घुमकर लोगो को प्रशिक्षित कर रहे है.. आज इसकी पहुंच बढे इसलिए ऑनलाईन हनी बिज का कोर्स शुरू करने जा रहे है… जिसमे आप व्यावसायिक उपलब्धियो को भी साकार कर सकते है.. उन्होनो विविध न्यूजपेपर में इस विषय पर लेख लिखकर जनजागृती का महत्वपूर्ण काम रहे है. ईस काम में जो योगदान दिया है उसके प्रती उनको विविध पुरस्कार प्राप्त हुएं है. हो रहै है..
Sarika Saswade Contact: 9423577196
लेखनः संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग, ( अर्बन फार्मिंग कन्स्लटंट एवंम कोच)
सारिका सासवडे, पूणे, महाराष्ट.