WHY GREEN LEAVES TURN IN YELLOWISH
बारिश के मोसम में पेड पौधे के पत्ते पिले पडते है। बागप्रेमी अक्सर पत्तों के पिला पडने से चिंतीत होते है। खासकर पेड पौधे जब सुकने, मरने के स्थितीमें हो उस वक्त पत्ते पिले पडते है। चिंतीत होना स्वाभाविक है। लेकीन सही कारण का अनुमान लगा नही लेते तब तक चिंतीत होना व्यर्थ है। पत्ते पिला पडने के अनेक कारण है। उसके क्या क्या कारण होते है। उसे प्राथमिकता के साथ अगर आप निष्कर्ष करेगें तो उसका पता चल जाता है।
अगर बारिश के मोसम के बाद पत्ते पिल्ले पड रहे है तो समझो उनको खाद की जरूरी है। मिट्टी के उपजावू तत्वों में असंतुलन आ गया है। अक्सर बारिश के वजह से मिट्टी के सुक्ष्म तत्व बह जाते है। उनको खाद के रूप में या टॉनिक के रूप में पर्यांप्त मात्रा में खाद देना जरूरी है। तो तरूंत उचीत मात्रा में (एक चौरस फूट के लिए अधा या पाव किलो गोबर खाद डालना जरूरी है। अगर आपके पास गोबरखाद, कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट है तो उसको एक साथ मिला ले या एक सिमीत कालावधी के बाद अलग अलग ही दे सकते है। ) बारिश में अक्सर द्रव्य liquid खाद देना जरूरी है क्यूं की जमीन निचे तक पानी से गिली रहती है। उसके साथ द्राव्य खादों की मात्रा सर्वदूर पहूंच जाती है।
ऑक्टोबर हिट में तो पत्ते का पिला पडना आम बात है। ईस मोसम में उनको कडी धूप या तापमान से बचाना चाहिए। इसके लिए जालीदार हरा कपडा आता है। ५० प्रतिशत धूप निचे आने वाले जालीदार कपडो का चयन करे या खाद के रूप में ह्यूमिक जल का ईस्तेमाल करे ईससे ऑक्टोबर हिट से बगीचा का रक्षण भी होगा और उत्पादन भी बढेगा। ह्यूमिक जल के ईस्तेमाल के बाद आपके जालीदार हरा कपडा लगाने की जरूरत नही ।
पत्तो का पिला पडना ईसके और भी कही कारण होते है। अगर पत्ते जड से पिले पड रहे है तो समझो वो अभि परिपक्क हो गये है। उनको निकालकर मिट्टी में दबा दे। या उसको कैची से छोटे छोटे तुकडे करके उसको भी मिट्टी में मिला दे। उससे इसका खाद बन जाएगा। खाद का अभाव दूर हो जाएगा।
दो मोसम के बिच में पौधो की पाचक व्यवस्था बदलती रहती है। वो मोसम नुसार खुद में बदलाव लाते है। कारण एक, ज्यादा बारिश में या दुसरा थंडी के मोसम में परावर्तित होने के मध्यकाल में भी पत्ते पिले पडते है। झडते है। जैसा थंडी के मोसम के बाद कडी धूप सहने के लिए पेड पौधो को पत्तों का नया बहार आता है। यह स्वाभाविक है।
पेड पौधों को पाणी की मात्रा कम होने कारण भी पत्ते पिले पडते है। आप पाणी के वारंवारिता बढा दिजिए। या ज्यादा पाणी देने के कारण भी पिले पडते है। ज्यादा पानी देने से पत्ते पिले पड रहे है तो जड सडने की संभावना होती है। ऐसे स्थिती में पौधा मर जाता है।
बारिश का पाणी treated नहीं होता. वह पाणी पौधे सह लेते है लेकीन घमले अगर पाणी ठिक तरह drain नहीं हो रहा, ठहर जाता है तो पौधा जड के सडने के कारण भी पत्ते पिले होते है।
उपर बताएं कारणो में कोई कारण या दर्शक हो तो तुरंत उपाय किजिए। अनाश्यक चिंता करने की जरूरत नही। पेड पौधे को जड को किडा लगेने से भी पत्ते पिले पडते है। ऐसे स्थिती में आपको निमखली का समय समय में ईस्तेमाल करना जरूरी है।
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संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग नाशिक.
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