Step-by-Step: How to Begin Your Low-Maintenance Garden Easily

Creating a Low-Maintenance Garden: A Beginner’s Journey

Effortless Gardening: Tips for Starting a Low-Maintenance Garden

Unlocking the Secrets: Starting and Sustaining a Low-Maintenance Garden

The Beginner’s Guide: Starting Your Low-Maintenance Garden Today!

25 Way To Build Low-Maintenance Garden

25 Tips For Busy Gardeners

गार्डेनिंग हर किसको पसंद नही. बच्चे से लेकर बुजर्गतक. हां हर एक उम्र के अनुसार इसके अलग अलग हेतू, मायने होते है. लेकीन हर एक उम्र में हमे गार्डेनिंग से इश्क, प्यार होता ही है. बस उसका मजा अलग अलग होता है. लेकीन यही गार्डेन अगर मजेदार, कम श्रम में, कम लागत में ज्यादा आनंददायी और खुशी के साथ साथ पैसा भी बचाएं और प्रोडक्टीव्ह गार्डेन हो तो तो मजा आ जाता है. तो कम श्रम में गार्डेनिंग कैसे किया जाता है. उसके क्या क्या मुद्दे होते हे यह हम जानेंगे.

  • 1) राईस्ड बेड बनाएं
  • 2) मल्चिंग करे.
  • 3) लो मेन्टंनन्स वाले पॅन्ट्स को चुनो
  • 4) आसानी से पाणी का प्रबंध करे
  • 5) बडे बडे ब्रॅचेंस और टहनिया कट करे
  • 6) बायोमास का उपयोग करे
  • 7) स्टर्डी प्लॅन्ट्स का चयन करे
  • 8) कंटेनर गार्डेनिंग का युज करे
  • 9) उपजावू मिट्टी बनाएं
  • 10) स्मार्ट प्लॅन्टिंग करे
  • 11) रॉक गार्डेन बनाएं
  • 12) पानी की उपलब्धता
  • 13) पॅन्ट का अभ्यास करे
  • 14) रिलॅक्स रहे
  • 15) लॉन के स्पॅच बनाएं
  • 16) प्लॅन्ट के शुरूआती में ध्यान दे
  • 17) कम हो लेकीन रचनात्मक हो
  • 18) आर्टिफिशियल लॉन्स का उपयोग
  • 19) गार्डेनिंग एक्टीव्हिटी की नोंद करे
  • 20) कम खर्चे में सुंदरता प्रदान करे
  • 21) प्लॅन बनाएं
  • 22) उपयोगी प्लॅन्टस उगांए
  • 23) गार्डेनिंग क्लास करे
  • 24) गार्डेनिंग कन्संलटेशन ले
  • 25) निरंतरता रखे
  • 1) राईस्ड बेड बनाएं :बिगिनर्स गार्डनर अक्सर गार्डेनिंग शुरूवात सहजता से करते है. मन आया और दंगा मचाया इस तरह वह गार्डेनिंग को शुरूआत करते है. इस सारी गडबडी में हमें गार्डेनिंग कैसे करना है, क्या लक्ष है ये भूल जाते है. तो इसि वजह से गार्डेनिंग बहोत ही छोटे छोटे चिंजो से, निर्सरी बॅग्जस से करते है. जितना घमले का साईज छोटा उतना गार्डनिंग करना मुश्किल हो जाता है. तो राईस्ड बेड ये बडे कॅरी में असंख्य बिज एवंम पौधे लगाए जाते है. उसे बिल्ड करने में लागत और परिश्रम तो कम लगते ही है लेकीन उसके साथ साथ मेन्टनन्स कम लगता है.
  • 2) मल्चिंग करेः मल्चिंग का मतलब आच्छादन देना, ढक देना होता है. जब भी आप पॉट्स गार्डेनिंग, बॅग्ज गार्डेनिंग करते है तो आपको प्राकृतिक चिंजो का मल्चिंग करना जरूरी है इससे पेड पौधो में पानी की नमी बनी रहती है और जिव जंतुओ का निवास भी बढ जाता है इससे जडों को प्राकृतिक रूप से खाद मिलने की सुविधा बनी रहती है.
  • 3) लो मेन्टंनन्स वाले पॅन्ट्स को चुनोः प्लॅन्टस के अपने अपने स्वभाव, गुण रहते है. कोई ज्यादा एंटेशन मांगते है . एंटेशन मतलब समय समय पर पानी, खाद देना पडता है या रखरखाव करना पडता है. ऐसे पॅन्टस को मत चुनो, उनसे मिलने वाले आंनद से ज्यादा आपको मेहनत करनी पडती है और गार्डेनिंग से परेशान हो जाएंगे.
  • 4) आसानी से पाणी का प्रबंध करे : बगीचे को पानी देना यह सबसे बडी जरूरत और प्राथमिकता होती है. खाद, खरपतवार, प्लॅन्टेशन भले ना हो लेकीन पाणी यह सबसे बडी प्राथमिकता है. इसे आसानी से, सहजता से देने का प्रबंध करे. नही तो प्यासा मर रहा है और आप कुआं खोदने लगे हो ऐसा ना हो. बागवानी को शुरूवात करते समय पहेले पानी की ही व्यवस्था जरूरी है. पानी सिर्फ पौधो देना इतनीही जरूरत नही बल्की कभी उनको नहलांना भी जरूरी होता है. इसी विचार को ध्यान रखकर पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्धता सहजता से होनी चाहिए. अगर पानी आप आनंद से नही दे पावोगो तो बागवानी में भी आनंद नही मिलेगा.
  • 5) बडे बडे ब्रॅचेंस और टहनिया कट करे ः लो एफर्ट अगर मेन्टनन्स चाहते हो और बगीचाको सुंदरता प्रदान करना चाहतो हो तो बागवानी के कामों को समय समयपर करना जरूरी है. और इसमे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.. तेजीसे, अस्ताव्यस्त बढने वाले ब्रॅचेंस को समय पर कांटो नही तो. उंट का बच्चा अच्छा और उसे घरमें पाल नही सकते. एक दिन वही उंचा हो गया तो घर तोडना पड सकता है.
  • 6) बायोमास का उपयोग करेः बागवानी करते समय लोग बाजारू चिंजो को खरिदना पंसद करते है. उसमें सबसे पहेला नं आता है कोकोपीट का.. यह सिर्फ व्यवस्था है. लेकीन वह बागवानी के लिए कारगर नही है. उसके बदले में सुके पत्ते ईस्तेमाल करना यह सबसे कारगर, आसानीसे उपलब्ध और निरंतर उत्पादनशिल मिट्टी बनाने के लिए उपयुक्त है.
  • 7) स्टर्डी प्लॅन्ट्स का चयन करे ः प्लॅन्टस तो पसंद आते है. लेकीन उनकी पुरी जानकारी होना जरूरी है. ऐसे प्लॅन्टस लगावो की उसको एंटेशन कम देना पडे. उसकी जरूरते कम हो. नही तो मुझे देखो ओर मुझेही पुजा करो ऐसा प्लॅन्टस आपका काम बढा सकते है. टाईम को कन्ज्यूम कर सकते है.
  • 8) कंटेनर गार्डेनिंग का युज करेः बॅग गार्डेनिंग से अच्छा है कंन्टेनर गार्डनिंग. इसमे बॅग गार्डेनिंग से खर्चा ज्यादा आता है लेकीन वह दो चार साल चल जाते है. इसमे बारी बारीसे इन्व्हेस्टमेंट और देखभाल कम करनी पडती है.
  • 9) उपजावू मिट्टी बनाएंः नयी बागवानी नयी मिट्टी यह तत्व पहेली बार ठिक है.. लेकीन हर बार नया प्लॅन्ट लगाने के लिए आप अगर हर बार नयी मिट्टी खरिदना जरूरी नही है. अपने पास उपलब्ध मिट्टी को ही उपजावू , फर्टाईल करने के तंत्र को सिखो, इससे काम और ज्यादा मेहनत बच जाती है.
  • 10) स्मार्ट प्लॅन्टिंग करेः नर्सरी में गये पौधे लेके आएं , जो मिला उसमें लगा दिया. यह अधुरा ज्ञान आपको बागवानी के मेन्टनन्स को बढा सकता है. प्लॅन्ट के भविष्य में होनेवाला आकार, उनकी उंचाई, फैलने वाले जडें को ध्यान रखकर आप प्लॅन्टस को समझदारी के साथ प्लॅन्ट करे.
  • 11) रॉक गार्डेन बनाएंः बागवानी की जगहं छोटी हो या बढी. बगीचे में रॉक गार्डेन होना जरूरी है इससे अपने गार्डन को चार चांद लग जाते है. और इसे बनाने में एकही बार खर्चा आएंगा लेकीन दस- पंधरा साल इसे आसानी से चला सकते है और इसमे आप वक्त वक्त पर सिझनल प्लॅन्ट एवंम लाईटिंग करके इसका आनंद ले सकते है.
  • 12) प्लॅन्ट नुसार पानी कि जरूरतः हर एक प्लॅन्ट की पानी की जरूरत अलग अलग होती है. खाने के टेबल बैठे सब व्यक्तिओं की भूक प्यास एक जैसी हो नही सकती वैसाही प्लॅन्टस का भी है. किसको कितना पानी देना है यह सिखने की प्रक्रिया है. वक्त लग सकता है. लेकीन अगर किसी गार्डेनिंग कोच के साथ जुडंते ( संदीप चव्हाण) है तो आप जल्दी सिख जाएंगे. इसमें मोसमनुसार एकही प्लॅन्ट की पानी की जरूरत अलग अलग होती है यह भी ध्यान रखे. नही पौधे लगा रहे हो और अगली बार इसे निकाल के फेक रहे है तो वो आपका काम बढा सकता है.
  • 13) पॅन्ट का अभ्यास करेः प्लॅन्ट का सर्वांगीन विकास के लिए हमें प्लॅन्ट के बारे सारी जानकारी जरूरी है. उनको कितने धुप, जगहं के साथ साथ क्या सावधानिया बरतनी है इसका भी ध्यान रखना पडता है. ये सारी चिंजे धिरे धिरे सिखी जाती है.
  • 14) रिलॅक्स रहेः बागवानी करते समय रिलॅक्स रहे. बहोत बार हमें तुरंत परिणाम की अपेक्षा करते है. इसमें आपकी अपेक्षाएं बढ जाती है फिर मनचाहा नही हुआ तो निराशा आ जाती है. रिलॅक्स रहे. प्रकृती का एक विज्ञान होता है. उसे समझने की कौशिश करे. लगभग आठरा प्रकार की ऐसे मुद्दे है जो प्लॅन्टस पर परिणाम करते है. ईसमेंसे कुछ हमारे हाथ में नही होती.
  • 15) लॉन के स्पॅच बनाएं ः बागवानी में लॉन्स होना अच्छा लगता है लेकीन लॉन को मेन्टेन करना भी उतनाही कौशलपूर्ण काम है. एक बडासा लॉन बनाने के बजाएं छोटे छोटे तुकडों में बढाएं ताकी उसे मेन्टेंन करना आसान हो.
  • 16) प्लॅन्ट के शुरूआती में ध्यान देः बच्चा हो या पौधा उसे शुरवाती में ध्यान देना पडता है. प्लॅन्ट की शुरवाती दिन यह प्रतिकूल होते है. फिर हो कौनसी भी स्वभाव का हो. एक बार रूटींग होने के बाद उसपर ध्यान देने की जरूरत नही.
  • 17) कम हो लेकीन रचनात्मक होः बहोत कुछ लोग हर पौधे को अपने बागवानी में लाना चाहते है. जैसे की कोई म्यूझियम खोल के रखा है. या है जगह तो लगवो कुछ भी, कही भी यह स्वभाव आपको बागवानी के आनंद से दूर रख सकता है. प्लॅन्टस कम हो लेकीन उसे सुंदरता प्रदान करो. और सुंदरता रचना करने से आती है.
  • 18) आर्टिफिशियल लॉन्स का उपयोगः बगीचे में ऐसी बहोत सारी जगहं होती है. वहां पर हरी घास अच्छी दिखती है लेकीन वो किसी टेक्निकल कारन से वहा बढती नही है. तो ऐसे जगहं आर्टिफिसियल लॉन्स लगाना अच्छा होता है. जो कुछ समय के लिए हमारे आंखो को सुंदरता प्रदान करती है. औऱ आर्टिफिसियल लॉन्स में मेन्टंन्स नही होता. आपका समय बच जाता है.
  • 19) गार्डेनिंग एक्टीव्हिटी की नोंद करेः बागवानी एक सायन्स है. एक निरंतर अभ्यास करने की जरूरत होती है. अगर आप बगीचे में हर हप्ते, या रोज कुछ ना कुछ काम कर रहे हो तो उसे एक बुक में रजिस्टर करो. ताकी आपको प्लॅन्ट का भूतकाल जान सके और भविष्य में वैसे निर्णय ले सके. इससे एकही एक्टीव्हिटी को बार बार करने से टाईम बच जाएगा.
  • 20) कम खर्चे में सुंदरता प्रदान करेः बगीचे को सुंदरता प्रदान करना यह एक बागवानी का अंतिम धैय्य होता है. लेकीन ९० प्रतिशत लोग बाजार के उपलब्ध संसाधनो पर निर्भय होते होते है. लेकीन अपने आजू बाजू में ऐसे बहोत सारे पर्याय उपलब्ध है जो अपने बगीचे को आसानी से सुंदरता प्रदान कर सकती है. उसकी लिस्ट धिरे धिरे बन जाएगी.
  • 21) प्लॅन बनाएंः हर काम को सक्सेस करना हो तो उसको पहेले कागज पर प्लॅन करो. कागज पर प्लॅन करने से आपका पचास प्रतिशत काम वहीं निपट जाता है. यह एक तंत्र है. बागवानी में भी प्लॅन जरूरी है. इससे आपका टाईम तो बच जाएगा ही लेकीन काम करने की एक कडी बन जाती है . नही तो पहेले बगीचा साफ होता है फीर ब्रॅचेस कट करने लगते है तो सफाई का काम बढ जाता है.
  • 22) उपयोगी प्लॅन्टस उगांएः रोज के जिवन में, आहार में उपयोग होने वाले पौधे लगाएं. प्रकृती हमें जब देती है तो उसे हमारा उत्साह बढता है. औऱ उसे दुगणी गतीसे काम करने की इच्छा होती है. यह मानवी स्वभाव है. तो उपयुक्त प्लॅन्टस लगाएं.
  • 23) गार्डेनिंग क्लास करेः अब उपरी सारी चिंजे अकेले सिखेंगे तो जिंदगी निकल जाएंगी. या परेशान होने लगोगो. इसकेलिए आसानी युट्यूबर व्हिडीओ देखने के बजाए किसी कन्सलटंट से बात करे. या ऑनलाईन कोर्स जॉईन करके हेल्प मांग सकते हो. इससे आपको समय पर प्लॅन्ट की देखभाल कर सकते हो.
  • 24) गार्डेनिंग कन्संलटेशन लेः कोई मरीज जैसे अपने स्वास्थ के लिए एक्सपर्ट की मदत लेता है. उनसे हर रोज बात करता है ऐसाही अगर कोई गुरू मिल जाएं तो आप बागवानी में आसानी से मास्टर हो सकते है. इससे आपका समय के साथ साथ पैसा भी बच जाएंगा.
  • 25) निरंतरता रखेः बागवानी करने में निरंतरता होनी चाहिएं. अगर निरंतरता नही होगी तो आपके पहेले वाले प्रयास, मेहनत बेकार हो जाएंगी इसलिए समय पर काम करे. उसमें निरंतरता रखे.
  • 26) ऑरगॅनिक का तंत्रः बागवानी रसायन और प्राकृतिक रूपसे कि जाती है. रसायन के इस्तेमाल से आपको झट से परिणाम आ जाएंगे लेकीन कम वक्त के लिए होंगे. अगर आप प्राकृतिक रूप से गार्डेनिंग करते है तो उसमे एक इको सिस्टिम तयार होती है. जो आपके बागिचे को एक शाश्वतः सस्टेनेबिलिटी प्रदान करेगा. जिसमें प्रकृती काम में लग जाती है. हमे ज्यादा काम करने की जरूरत नही है.

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