15 Free Tips – Tricks for Home  Gardening

Top Tips For Home Gardening 

Helful Tips For Start Home Gardening 

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कम खर्चे में होम गार्डेनिंग शुरू करने के Hot and Top Tips- Hot and Top Tips For Home Gardening In Hindi

हर कोर्ई गार्डेनिंग करना चाहता है. चाहेगा भी क्यूं नही. प्रकृती के साथ हमारा गहेरा रिश्ता जो है. जो तेवीसवी सधी में बुर्ज खलिफा जैसे 163 वी मंजीले पर भी रहना हो तो हमें पौधों का साथ जरूरी है. क्यों की पेंड पौधे हमे सिर्फ आंखो को सुकून नही बल्की हमारी मेन्टंल हेल्थ को भी तंदुरूस्त रखती है. गरीब हो या अमिर, हर किसीकी चाहत होती है की एकाद पौंधा हमारे आगंण में खिडकी में खिलता रहे. और रहना ही चाहिए. क्यों की पौधें हमे जिंदादिल रखते है. तरो ताजा रखते है. जो किसी चाय की चुस्की से बेहतर है. या गार्डेनिंग किसी नशा से कम नही है. तो आप भी अगर पेड पौधे के साथ जुडना चाहते है तो गार्डेनिंग करना जरूरी है. हर खुशी के लिए पैसे की नही बल्की जानकारी, ग्यान, प्रयोग की जरूरी होती है. आज गच्चीवरची बाग २३ वी सधी में २३ साल पूरा कर रही है. और हमने यहीं सिखा है की साधन से बेहत्तर हमे जानकारी, ग्यान और प्रयोग की जरूरी है. जो हमने २३ साल पहेले की थी.

तो गार्डेनिंग करने के लिए पैसे से ज्यादा इच्छाशक्ति होना जरूरी है. अगर आपके पास विंलीग है, इच्छा है तो रास्ता भी आपसे आप मिल जाता है. गार्डेनिंग करने के लिए ऐसी कौनसी जानकारी जरूरी है जो हर कोई आसानीसे हर प्रकार का गार्डेनिंग कर सके. चाहे वो फुलों की हो, फलो की हों या औषधी पौधों की हो, या ऑरगॅनिक सब्जियों की हो.. इसकी हम जानकारी इस लेख व्दारा देना चाहते है जो आपको हेल्पफूल होने वाली है. जिसमें गार्डेनिंग के टिप्स और ट्रिक्स देंगे, आप अगर गार्डेनिंग में बिगिनर्स हो तो गार्डेनिंग की शुरूवात कैसे करे इसकी भी जानकारी इस गार्डेनिंग ब्लॉग में देने वाले है. इसे ध्यान से पढे.

आपने इरादे मजबूत करो –Make Strong your Gardening Will Power

अगर आप गार्डेनिंग करना चाहते है तो आपके इरादे पक्के होना जरूरी है. आपको पेड पौधे के साथ अच्छा लग रहा है, प्रसन्नता महसूस कर रहे हो तो जरूर गार्डेनिंग की एक्टिव्हिटी करे. आपको घरवाले परेशान करेंगे, हर प्रकार का सवाल पुछेंगे, लेकीन हरना नही, बिना बहस करके आपने काम में लग जाना है. बोलने से कुछ नही होता. असली परिवर्तन कुछ करने से होता है. तो अपने इरादे मजबूत करे. हां. मुझे गार्डेनिंग करना है, करना चाहता या चाहती हूं. भले कितने भी दिक्कते आएं में जरूर करूंगा या करूंगी.

होम गार्डेनिंग शुरू करने के बेहतरीन और कम खर्चिले तरीके –Fastest and Best Way to Start Home Gardening In Hindi

सुबह मॉर्निंग वॉल्क को जाते हो, कहीं टूर पर जाते हो, वहां अच्छे अच्छे फूल पौंधे देखकर हमें भी गार्डेनिंग करने का मन करता है. लेकीन बहोत बार गार्डेनिंग शुरू करने समय पैसा, खर्चा को लेकर हमारे दिमाख में सवाल आता है. अखीर पैसा लाएं कहांसे…समय तो बहोत है.. बस समय ही तो बडी चिंज है. अरे भाई और बहोनों. हमे पैसे की नही क्रिएटिव्हीटी, कल्पकता, सृजनशील होना जरूरी है.  सिधी बात है जिसमें मिट्टी को समाने की ताकद है, क्षमता है ऐसी कौनसी भी वस्तू चलेंगी. जैसे २५० एम.एल. की मिल्क के पाऊच से लेकर लेडीज पर्स तक कुछ भी चेलेगा. बस हमें शुरूवात करना है. ये ध्यान में रखे. हमने तो जेन्टस बूट तक नही छोडे. टब, बैसीन, ट्रॅव्हल बॅग कुछ भी चलेगा. बस एक लिस्ट करलो ऐसी कौन कौनसी वस्तूंएं है जिसमें हम पौधे लगा सकते है. आपको ऐसी कौनसी वस्तूं है जो हम कचरे में फेकना या भंगार में देना चाहते है इसकी एक लिस्ट बना लो. आपका घमलों का खर्चा बच जाएंगा. सुझावः आप अगर गार्डेनिंग में बिगिनर्स हो तो घमलों, ग्रो बॅग्जस पर फालतू खर्चा ना करे. सिखने में इन्व्हेस्टमेंट करे.

 

होम गार्डेनिंग के लिए गार्डेनिंग का प्रकार का चयन करे – Types of Home Gardening In Hindi

होम गार्डेनिंग या घर पर गार्डेनिंग करने बहोत सारे प्रकार है. आपके पास कौनसी जगहं, कितनी मात्रा में उपलब्ध है उसपर ये सारा निर्भय करता है. 

Types of Home Gardening

  • Hanging Garden (हॅंगीग गार्डन)
  • Window garden (विंडो गार्डन)
  • Terrace garden (टेरेस गार्डेन)
  • Balcony garden (बाल्कनी गार्डेन)
  • Kitchen Garden (किचन गार्डेन)
  • Vertical Garden (व्हर्टिकल गार्डन)

आपके पास कौनसी और कितनी मात्रा में जगहं उपलब्ध है ईस नुसार इस गार्डेनिंग के टाईप के बारे में सोचे.

सुझावः गार्डेनिंग शुरू करने के लिए जगहं कितनी भी हो अगर ज्यादा जगहं उपलब्ध है तो भी कम मात्रा से गार्डेनिंग को शूरूवात करे.

 

देखो गार्डेनिंग कोई खेल नही है. यह एक मन को, दिमाख को शांत रखने वाली मेडीटेशन की एक्टीव्हिटी है. उसे सोच समझ कर शांती से करे. बच्चे जैसे हडबडी, गडबडी ना करे. नुकसान कुछ नही होगा लेकीन बाद में इसे छोड देना Leave away करना ज्यादा परेशान करता है. जैसे के कोई बच्चे का पालनाघर शुरू करना चाहते है और आपको इसमें कुछ भी पता नही. तो आपको एक बच्चे से पालनाघर शुरू करना होगा. वैसे ही गार्डेनिंग एक पालनाघरही है. जो कम मात्रा में शुरू करे.

होम गार्डेनका उचित स्थान का चयन करे – Choose the Best Place for Home gardening In Hindi

आप कौनसी भी जगहं की चयन करे. कोई दिक्कत नही. चयन किये हुएं जगहं पर कितनी धुप आती है, कितनी हवा वहां पर बहती है, इसका पहेले विचार करे. उपलब्ध धुप, प्रकाश के अनुसार आपको पौधों का चयन करना है. अगर आप घर के अंदर भी पौधे लगाने चाहते हो तो जरूर लगा सकते है लेकीन वहां पर उपलब्ध प्रकाश, सुरज की किरण के अनुसार आपको पौधों का चयन करना पडेगा. नही तो आप बोलेंगे मुझे केले का पेडं लगाना है और वौ घर में रखना है तो नही चलेगा. आपको जगहं के अनुसार, प्रकाश के अनुसार पेड पौधे का चयन करना पडेगा. जगहं कौनसी भी हो वहां पर अनुरूप ऐसे गार्डेनिंग कर सकते है.

गार्डेनिंग को आसान बनाने वाले गार्डेनिंग टूल्स जरूरी – Best DIY Gardening Tools for Home Gardening In Hindi

बहोत सारे लोगं गार्डेनिंग करते समय इतनी सारी तय्यारीयां करते है की जैसे कोईल जंग लढने जा रहे हो. किसी युध्द या आपात स्थिती में आप जा रहे हो और तय्यारी कर लेते हो. गार्डेनिंग में भी ऐसीही तयारीयां कर लेते है. और पैसो को पानी की तरहं बहांते है. आज बाजारमें बहोत सारे गार्डेनिंग के टूल्स है. एक साथ एक समय सभी को ना खरिदे. जैसे जैसे आपको जरूरी होगी वही गार्डेनिंग टूल्स को खरिदे. बेसीक तौर पर आपको घर पर उपलब्ध संसाधनों का भी ईस्तेमाल कर सकते है. और वह संसाधन किसी गार्डिनिंग टूल्स से कम नही बल्की बेहतर होते है. टूल्स, हत्यार की व्याख्या है. जो ऐसा साधन हमारे हाथ में पकडकर आसानी से सहेजता से हम जो काम करना चाहते हौ वो कर सके. जैसे मिट्टी को उपर निचे करने के लिए किसी ट्रोव्हेल की नही बल्की एक टेबल या प्लेट स्पून की जरूरत है. उसकी हाथों में पकड भी अच्छी होती है. आपको शुरूवात में एक स्टेशनरी कैची की जरूरत है. बाकी कुछ भी नही. बहोत सारे लोग प्रुनर, ट्रोवल, वॉटर कॅन, स्प्रे पंप, सिडलिंग ट्रे इ. वस्तूएं की ऑनलाईन खरेदी करते है. फीर बादमें कहते है… अरे बापरे ये तो खराब हो गया., इसका तो कुछं इस्तेमाल हो नही रहा है. या अच्छा रिझल्ट नही आ रहा ऐसे पछताते है. लेकीन हम संसाधनों के खरिदने में, पैसे को खर्चे करने में ज्यादा महत्व देते है. जैसे जितना निवेश ( इन्व्हेस्टमेंट) होगा उतना ज्यादा उत्पन, या नफा होगा ये भ्रम है, मिथ्था है इससे बाहर निकलो. जैसे जिसकी जरूरत होगी उतना खरीदते जावों.

गार्डेनिंग में पौधो की ग्रोथ के लिए उपजावू मिट्टी बनावो – Make a perfect Soil, Potting Mix for Plant Growth in Home Gardening in Hindi

अच्छा पॉटींग मिक्स कौनसा है, अच्छा खाद कौनसा हे इसके लिए मोंबाईल पर गए. टक टक टक टक टक करके सर्च किया, चार पांच प्रोडक्ट देखे बस चून लिया. आ गया गार्डेनिंग का सामान, मिलावो, डालो चलो. अरे भाई ऐसे मटेरियल से गार्डेनिंग नही होता.

गार्डेनिंग के लिए प्रकृती ने कौनसा तरीका बनाया है इसके बारे में तो सोचो, क्या सिर्फ कोकोपीट से सब पौधे ग्रोथ होते है क्या.. नही. ऐसा तो कोई युनिव्हर्सल तरिका होगा, ट्रिक्स होगी जो हर जगहं पर पेड पौध के लिए समान है.

हमने सुखे पत्ते से घमले भरे, दस प्रतिशत मिट्टी का ईस्तेमाल किया. हर प्रकार का पौंधा उसमे हसता खिलता है. इसके आगे जाके हमने कोकोपीट को पर्याय याने के उसके आगे का व्हर्जन बिशकॉम बनाया है. लेकीन नही. मेंढी (Sheep)  की तरहं मुंडी को निचे झुकाकर आगे चलने वाले मेंढी ( Sheep) के पिछे चलते जा रहे है. बंद करो यार, कुछ सवाल उठाओ, खुदसे पुछो, क्यूं गार्डेनिंग हमे Curious उत्सुक बनाता है. उसे जानो.

होम गार्डेन में इस्तेमाल करने वाले गमले भरने का सही तरिका – Best Potting Mix Method To Grow plants in Various Pots At Home Gardening In Hindi

गमले प्लास्टिक हो या मिट्टी के उनको तली से अंगूठा जाएंगा ऐसे आकार एक मिनिमम एक छेद होना चाहिएं. मेरे अनुभव से निचे जितने ज्यादा छेद होंगे उतना ज्यादा अच्छा फायदा होता है. जैसे के गमले में डाला पानी पुरा ड्रेन होना जरूरी है उसीके साथ हवा का उपरी तरफ जितना ज्यादा बहाव होगा उतना ज्यादा प्लॅन्ट के रूट्स को बढने में ज्यादा मदत होती है.

तो गमलो में निचे नारियल के क्वॉयर डाले, उसके उपर सुका हुआ किचन वेस्ट या सुके पत्ते को भरे और उपरी भाग की २-३ इंच की जगहं छोडके मिट्टी और गोबर खाद का मिश्त्रण भरे. याद रहे गोबर खाद अच्छा कंपोस्ट हुआ है ऐसाही ईस्तेमाल करे. काली मिट्टी की जगहं मुरूम या लाल मिट्टी का ईस्तेमाल करे. ताकी पानी को ज्यादा देर तक पकडं के ना रखे. ज्यादा पानी के पकडनेसे प्लॅन्ट की ग्रोथ पर बुरा परिणाम होता है. बाद में प्लॅन्ट के रूट सड जाते है. परिणाम स्वरूप प्लॅन्ट सूक या मुरजा जाता है.

यही तरिका ग्रो बॅग्ज्स भरने के लिए ईस्तेमाल कर सकते है. उसीके साथ रिपॉटींग करने के लिए ईस्तेमाल कर सकते है.

प्लॅन्ट रिपॉटींग करने का सहि तरिका – Best Method of Repotting In Hindi

हर साल प्लॅन्टस रिपॉटींग करना जरूरी है. प्लॅन्टस रिप़ॉटींग करना जरूरी होता है. निचे दिये गये पॉईंन्ट नुसार अगर कोईक दर्शक दिखे तो गमलो को रिपॉटींग करना जरूरी है.

  • गमले में प्लॅन्टस की एक लाईफ सायकल पुरी हो तो रिपॉटींग करे
  • अगर गमले में पानी रूक रहा है या उसमे नमी ना बने तो
  • मिट्टी का भराव कम हो जाना
  • प्लॅन्टस के जडे ज्यादा बडकर उपर आ रहे हो तो रिपॉटींग करना जरूरी है.

गमले भरने के लिए कोकोपीट को छोडकर बिशकॉम का ईस्तेमाल करे – Best Potting Mix is BISHCOM instead of Coco pith

बिशकॉम यह कोकोपीट से ज्यादा असरदार पॉटींग मिक्स है. इसमें कोकोपीट से कही गुणां ज्यादा प्लॅन्टस के ग्रोथ के लिए जरूरी कंटेटं मौजुद होते है.

यह तकनीक हमने लॉकडाऊन के पहेले संशोधन करके उसपर अनेक प्रयोग किएं और आप हमारे @gacchivarchibaug इस य़ूट्यूब चॅनेल पर जो ही गार्डेनिंग के व्हिडीओ देखते है वह बिशकॉम का ईस्तेमाल करकेही भरे है.

बिज लगाने का तरिका – Best Practice of Seeds Sowing

कौनसा बिज लगाना है इसकी पहेली जानकारी होना जरूरी है. कोई बिज सिधा गमले या ग्रो बॅग के मिट्टी में लगा सकते है. तो कुछ गिने चुने बिज का पौधा बनाकर उसे रिप्लॅन्ट करना जरूरी होता है. जैसै मिरची, बैंगन, टोमॅटो, फ्लावर, कॅबेज इ. बाकी सारे बिज सिधा गमले में बो सकते है.

लेकीन याद रहे. बिज इतना ही डाले की उसे बढने के बाद पर्याप्त जगहं होना जरूरी है.

कोई प्लॅन्टस दंडी से, रूट बॉल (बल्ब) से लगते है. उसमें भी आपको जानकारी होना जरूरी है.

होम गार्डेनिंग में पौधों को सही समय में सही मात्रा में पानी दे – Best Time & Right Quantity of Water For Plants in Home Garden In Hindi

होम गार्डेनिंग में पानी कितना दे इसके बारे में बहोत सार लोग Confused या भ्रमित रहते है. पानी देने का सहि समय से ज्यादा पानी कितनी मात्रा में दे ये बारकाईसे समझना जरूरी है. आप पाणी वॉटर पाईप दे रहे या ड्रिप से या हात से पाणी दे रहे है. पाणी देने का तरिका कौनसा भी हो लेकीन पाणी कितना देना ये जानना जरूरी है. क्यों की हर प्लॅन्टस की जरूरत अलग अलग है. समझो किसी खाने की पंगत में छोटे को लेके बडे को हमने एकही मात्रा में खाना परोसा और परोसा खाना जबरन खाने को बोला तो क्या होगा?   हर व्यक्ति की खाने की क्षमता अलग अलग है तो प्लॅन्टस को भी हम पाणी पिने को जबरदस्ती क्यों करे. गमले आकार, पानी की जरूरत, मौसम कौनसा है उसके अनुसार पानी देना उचित है. पानी देने का सहि समय. दुपहर १० बजे उत्तम है. लेकीन हर एक को ये पॉसीबल नही होगा. तब आप कम पानी किसीभी समय दे सकते है.

होम गार्डेनिंग में मल्चिंग कौनसा और कैसे करे –Best Type of Mulching To Grow Plants In Home Gardening In Hindi

होम गार्डेनिंग में मल्चिंग होना जरूरी है. मल्चिंग का मतलब होता है पौधे के आजूबाजू में गमले के उपरी जगहं में ऐसा कोई जैविक, प्राकृतिक मटेरियल जो पौधे को खाद का काम करे. मल्चिंग करने के खाद के अलावा और भी फायदे है. जैसे गमलों में पानी की उचीत मात्रा को नियंत्रीत करना. मिट्टी के जिवं जतूंओ को कार्यक्षम बनाने के लिए पर्यांप्त अवसर देना.

पौधे के लिए आप विभिन्न मल्चिंग के प्रकार यूज कर सकते है –Various types of Mulching Use In Home Gardening In Hindi

  • हरा कचराः घर में जो भी प्रीकुक्ड कचरा है. जैसे मटर के छिलके, केले के छिलके. सब्जियों की दंडीया इसका इस्तेमाल कर सकते है. ध्यान रहे हरा कचरा स्टेशनरी कैची से बारिक तुकडे करे फिर मिट्टी में उपरही बिछा दे.
  • सुका कचराः सुका प्राकृतिक कचरा, सुके पत्ते भी मल्चिंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते है.
  • कपडे का ईस्तेमाल करेः अगर आपको मल्चिंग के लिए कुछ उपलब्ध नही है तो बोरी, कपडा, ज्यूट का ईस्तेमाल कर सकते है. इससे पर्याप्त मात्रा में पानी की क्षमता बनी रहती है.
  • विभिन्न खांदो का ईस्तेमालः मल्चिंग के लिए विभिन्न खांदो का ईस्तेमाल कर सकते है. जैसे गोबर खाद, कंपोस्ट खाद, बकरी का खाद डाल सकते है.
  • लाईव्ह मल्चिंगः लाईव्ह मल्चिंग याने गमले में पौधे के आजू बाजू में पत्ते की सब्जि याने लिफी व्हेजेटेबल के बिज लगा सकते है. इसका भी बहोत फायदे होते है.

होम गार्डेनिंग के लिए घर पर बनाएं पौधों को बढाने के लिए जैविक खाद –  How To Use Homemade Fertilizer To Grow Plants In Home Garden In Hindi

घर पर होम वेस्ट का कंपोस्टींग बनाने के बहोत सारे तरिके है. ना उसको कंपोस्टर युनिट, कल्चर की जरूरत होती है. अपने पानी पिने के मटके से उसकी शुरूवात कर सकते है. घर के कंपोस्ट खाद ये कम मात्रा में उचीत रिर्टन्स देते है.  बाजार से भी केंचुए खाद, गोबर खाद लाएंगे तो वो सुका नही होना चाहिएं. उसमे थोडी बहोत नमी होना चाहिएं. क्यों की नमी में उचीत मात्रा में बॅक्टेरिया की मौजूदकी होती है जो प्लॅन्टस के ग्रोथ को काम आती है.

होम गार्डेनिंग में पौधों की छटाई कब और कैसे करे – Best Tricks for Pruning Of Plants in Home Gardening In Hindi

होम गार्डेनिंग में पौधों की प्रुनिंग करना जरूरी होता है. प्रुनिंग में दो प्रकार होते है. १) Hard Pruning 2) Light Pruning

प्रुनिंग के बहोत सारे फायदे है. जैसे अनचाहे दंडीया निकाल दे. दंडीयो के अग्र भाग को प्रुनिंग किया तो प्लॅन्ट की ग्रोथ ज्यादा होती है और फल फुल देने लगते है. प्लॅन्टस को मनचाहे आकार दे सकते है.

होम गार्डेनिंग में पौधों के लिए बेस्ट जैविक कीटनाशक एवंम कीड नियंत्रक – Best Homemade Pesticides For Plants In Home Gardening In Hindi

पौधोंपर कीटकों का हमला हर मोसम में होता है. हर एक लिए एक दवां नही होती. जैसे कॅटपिलर्स, मिलीबग ऐसे अलग अलग प्रकार होते है. बहोत सारे लोग केमिकल का ईस्तेमाल करके मित्र और शत्रू किटक को मार देते है. और उसका विपरित परिणाम हमारे सेहत पर भी होता है.

तो हमेशा घर पर बनाएं कीटनाशक का ईस्तेमाल करे.

जैसे निम तेल (निम ऑईल) का पानी में घोलकर लगातार तिन श्याम को स्प्रे करे. क्योंकी शत्रू किटक ये श्याम से रात तक कार्यरत रहते है.

जो भी स्ट्रॉंग स्मेल वाले पदार्थो का स्प्रे के लिए ईस्तेमाल करे. जैसे लोंग तेल, देशी गाय को गौईत्र ( गोमुत्र) लिंबू का रस, देशी दारू, छाज इत्यांदीओं का ईस्तेमाल कर सकते है.

होम गार्डेनिंग में खरपतवार का नियंत्रण कैसे करे – Best Way & Tips To Weed Control In Home Gardening In Hindi

पहेले तो ये समझे की हमारे होम गार्डेनिंग मे आने वाले अनचाहे प्लॅन्ट ये खरपतवार याने Weeds है या कोईन wild Vegetable तो नही है. उसे जाने. अगर खाने लायक को Forest Vegetables है तो उसे जरूर हार्वेस्ट करे. इसे कच्चे खाने में ईस्तेमाल करे. ( इसके बारे में व्हॉटसपर हमारी सलाह और राय ले सकते है)

कोई भी बिज या उगने के बाद सात से पंधरा दिन में समझता है की वो हमने लगाया बिज है या खरपतवार है. पंधरा दिन के बाद ही ऐसे घास को पहचान कर निकाले. समय समय पर निकालते रहेंगे तो उसकी पैदावर ज्यादा होती नही.

अगर आप तिन तिन महिने के बाद Weeds को निकालेंगे तो उसके तयार बिज मिट्टी घुल जाते है और ज्यादा मात्रा में वो आने लग जाते है. जैसे की नाक से मोती जड हो जाता है.

विड्स कंट्रोल के लिए केमिकल का ईस्तेमाल ना करे ये सिर्फ हमे नही बल्की हमारे बच्चे, पौधे को, मिट्टी को भी नुकसानदायक है.

कीटों से बचाने के लिए सहयोगी, साथी पौधे लगाएं – Co-operative, Companion Planting For Insects and Pest Control In Hindi

हमेशा कीटों से पौधों को बचाने के लिए स्ट्रॉद स्मेल वाले पौधे लगाएं. जैसे तुलसी, गेंदे, रूई, राई- मोहरी के पेड लगाएं. ईससे कीटों को स्ट्रॉंग स्मेल आएगां या ईसपर वो एट्रॅक्ट हो जाएंगे तो और कही दुसरे प्लॅन्टस पर नही बैठेंगे

तुलसी के बहोत सारे प्रकार है. उसका ईस्तेमाल कर सकते है. सब्जियों के गार्डेनिंग के गेंदे के फूल और मोहरी लगाएं ताकी मधुमख्यीयां भी आयेगी और पॉलीनेशन की गती बढाएंगी इसके परिणाम स्वरूप फूल और फल अच्छी मात्रा में आते है.

सबसे खतरनाक स्नेल या घोंगे को नियंत्रीत करे – Zero tolerance against Snail Best Practices for Snail

स्नेल, घोंगे ये जहरीले नही है, उसके स्पर्श या हात लगाने से हमे कोई इजा नही पहुंचती. लेकीन पौधें के लिए खतरनाक है. कही डाका डालके जैसे कोई सबकुछ लूट ले जाता है उसी प्रकार स्नेल का गार्डेनिंग में उत्पाद मचाते है. निचे दिए गये व्हिडीओ में सारी जानकारी दि गयी है. उसे ध्यान से देखे.

 

Conclusion: (सारांश) आपको गार्डेनिंग करने के लिए सिखना जरूरी है. जितना आप किसी गार्डेन एक्सपर्ट से सिखेंगे उतना ज्यादा आप भी ग्रो करेंगे. गार्डेनिंग में आपको आनंद, मजा आएगां. नही तो गार्डेनिंग एक सजा बनने देर नही लगती.

संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग, (गार्डेनिंग सलाहगार एवंम कोच)

 

 

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