हायड्रोफोनिक्स की जरूरत क्यो है? 

क्यों न करें हाइड्रोफोनिक्स?

हाइड्रोफोनिक्स से नुकसान क्या है?

हाइड्रोफोनिक्स क्या जरूरत है?

Disadvantages of Hydroponics

Say Not To Hydroponics

हर सब्जियां उगांने की जरूरत महसूस हो रही है. पढे लिखे लोग, डॉक्टर्स, महिलांए और बुढे बच्चो को अभी जहरमुक्त सब्जियां दवां जैसी काम करती है. इसलिए हर में घर में जहरमुक्त सब्जियो की खेती करने की बहुत आवश्यकता हो गई है। जहां जाएंगे, वहां जहरमुक्त सब्जियों की खेती करने का यह विचार को, उसके महत्व को कहां जाता है या सुना जा रहा है. क्यों की केमिकल फ्री सब्जियां केवल सब्जिया नही यह  एक प्रकार की औषधि है। घर पर सब्जियां उगाने हेतू लोंग इंटरनेट पर जाकर इनके आसान तरीके ढुंढते है. या कही कम जगहं में सब्जियां उगांने हेतू कोई बेमिसाल टेकनिक ढुंढते है. बहोत सारे रिसर्च के बात उनको या पहलो घर पर सब्जियां उगांने हेतू की हूई प्रयास के बाद या  बहुत से विभिन्न तरीकों की कोशिशें  करने के बाद हायड्रोफोनिक्स की टेकनिक युज करने का सोचते है. 

हायड्रोफोनिक्स क्या है? 

 घर में सब्जियां उगांने के लिए हाइड्रोपोनिक्स, जिसे एक प्लास्टिक पाईप की  विशेष ढंग रचना बनाई जाती है. इस बनाए गए संरचना में  बहते पानी का उपयोग किया जाता है,  और इसमें पानी की सहायता से या पानी में मिलाई गई सुक्ष्म रासायनिक दंवाईया या खादों के साथ सब्जिया, सलाद जैसे पौधों की उपज की जा सकती है। मूल रूप से इस प्रकार की सब्जियों के उत्पादन का हम विरोध करते हैं क्योंकि इसमें प्रविष्ठ पदार्थ केवल पानी, रासायनिक खाद्य और प्लास्टिक के पाइप होते। जब इन प्लास्टिक पाइपों में गर्मी लगती है, पानी गरम हो जाता है तो पाईप बनाने में जो भी घातक रसायनों का ईस्तेमाल किया जाता है हो पानी की गरमी के पिघलते है ओर वह पानी में  मिश्रित हो जाती है. इसके अंश सब्जियों भी आते है. प्लास्टिक पाइप या वस्तु में जिन गर्म पदार्थों का सेवन होता है, उनसे आधुनिक बीमारियों का संक्रमण होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्लास्टिक के बोतलों में, कप, ग्लास में  गरम पानी, चहा  के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का कारण बनता है। अब सोचिए… सामान्य  धांतूओ में गरम द्राव्य की तुलना में, प्लास्टिक में गरम पदार्थों का सेवन करने से आधुनिक बिमारी के हर व्यक्ति शिकार हो रहा है , यह सोचने योग्य मुद्दा है।

हाइड्रोफोनिक्स कहां पे अच्छा काम करता है?

हाइड्रोपोनिक्स यह पद्धती परदेश में उत्तम तरीके से काम करती है और जिसमें कुछ भी उगाया जाए, वह विषमुक्त रह सकता है, भले ही उसमें मिट्टी की आवश्यकता न हो। वहां पर खाने की चिंज का एक स्टॅडर्ट मेन्टेन किया जाता है. रूल्स एवंम रेग्यूलेशन को कंपनी व्दारा फॉलो किया जाता है. और भी उनके पास ठंडा वातावरण होता है  उसमे प्लास्टिक पाईपों मे से घातक रसायनों का अंश घुलता नही. है.   मानव जीवन का संरचना पंचमहाभूतों द्वारा किया गया है।  आकाश, हवा, जल, पानी, मिट्टी के साथ उगां हुआ खाना हर सजिव के लिए उत्तम है, स्वास्थ के लिए लाभदायक है. खुद प्रकृती ने उनके व्दारा बनाया, उगायां खाना खाने का सेवन करने की सलाह दी है, जिसका पंचमहाभूतों द्वारा निर्माण किया गया है। 

आप व्यापार करे यां बेचकर पैसा कमाएं ?

हाइड्रोपोनिक्स में मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती,  पानी के साथ उगायां खाना यह समुद्री खाना है. इसे हम हप्ते में एक बार या थाली में थोडा अंश हायड्रोफोनिक्स से उगाया खाना हो तो बेहतर है. पुरी थाली ही हायड्रोफोनिक्स की होगी तो आपमें  पोषण मुल्यों की कमतरता हो सकती है. हायड्रोफोनिक्स व्दारा उगांई सब्जिया आप बेच सकते हो, उसका व्यापार कर सकते हो लेकीन खुद और अपने कुटुंब को इससे दूर रखे,  जिनकी इतनी  आवश्यकता नहीं है या ऐसे साधनों से हमारी शरीर की पूर्तता होती नही है तो उसे दूर रखने में ही भलाई है. 

यह सिर्फ व्यापार है…

हायड्रोफोनिक्स का तंत्र वही बेच रहे है जिनका खुदका प्रोडक्शन है. अपने प्रोडक्शन को बेचने के लिए वह फ्री सेमीनार लेते है.लेकीन इससे प्रभावीत होकर लोग ये ढांचा खरिद लेते है.  ये सार प्रोडक्शन, संरचना बहोत महेंगी होती है.  इसमें कितना ईन्व्हेस्टमेंट करने से पहेले उसे मिलने वाले फायंदे के बारे में एक बार विचार करे. 

फिर क्या करे..

अगर आपको घर पर सब्जियांही उगांनी है, और उपरी लेख पढकर आपकी राय अगर हायड्रोफोनिक्स के खिलाफ है है तो हमारे साथ जूड जाएं. हम 10  प्रतिशत मिट्टी के साथ, खुले आसमान में, बहेती हवा में, सुरज की किरने के साथ सब्जियां उगांना सिखाते है. हायड्रोफोनिक्स जैसी प्रोडक्टस को खरिदर कर आनंद जरूर मिल सकता है लेकीन उसकी अंतीम उपयोगीता को भी जाचंना चाहिए. आपको  अभी हायड्रोफोनिक्स प्रोडक्टस नही बल्की घर पर सब्जियां उगाने हेतू ग्यान, जानकारी, मदतगार, गाईड, कोर्स  की जरूरत है. और उसकी फिज प्रतिदिन मात्र 10 रू. है. जो आसानी से बिना कुछ खरिदे आपको ऑरगॅनिक सब्जियां उगाने के लिए प्रशिक्षीत करते है. तो पहेले सिखो, जाने, फिर गार्डेनिंग में प्रोडक्टस के लिए ईन्व्हेस्टमेंट करो. 

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संदीप चव्हाण, गच्चीवरची बाग, नासिक, अर्बन फार्मिंग कंन्स्लटंट एवंम कोच. 

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